0 शरद पवार ने निलंबित सांसदों समेत 1 दिन की भूख हड़ताल करने का किया फैसला- सांसदों का निलंबन बताया गलत/पवार को आयकर विभाग ने जारी किया हलफनामे से संबंधित नोटिस/ उपसभापति हरिवंश अन्य विपक्षी सांसदों को सुबह पहुंचाई चाय- पर नही बनी बात/ उपसभापति ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को भारी मन से लिखा पत्र/ - Khabre Mumbai

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शरद पवार ने निलंबित सांसदों समेत 1 दिन की भूख हड़ताल करने का किया फैसला- सांसदों का निलंबन बताया गलत/पवार को आयकर विभाग ने जारी किया हलफनामे से संबंधित नोटिस/ उपसभापति हरिवंश अन्य विपक्षी सांसदों को सुबह पहुंचाई चाय- पर नही बनी बात/ उपसभापति ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को भारी मन से लिखा पत्र/

राकांपा प्रमुख शरद पवार को आयकर विभाग ने राज्यसभा सदस्यता के लिए 2014 और2020 में दाखिल हलफनामे में घोषित संपत्ति मामले में नोटिस जार किया है और जवाब मांगा है। तय समय के अंदर जवाब न मिलने की स्थिति में प्रतिदिन १०,०००/- का जुर्माना लगेगा।


पवार ने कहा है कि शायद आयकर विभाग इतने सांसदों में सिर्फ उन्हें ही बहुत प्यार करता है, इसीलिए यह नोटिस उन्हें भेज दिया गया है और वह इसका जवाब समय के भीतर ही देंगे।
गौरतलब हो कि पवार ने 2014 के हलफनामे में अपनी संपत्ति 32.10 करोड़ और 2020 के राज्यसभा सदस्य के लिए नामांकित हलफनामे में अपनी संपत्ति 32.70 करोड़ दर्ज की है।

पवार ने कहा कि 20 सितंबर को राज्यसभा में विपक्षी सांसदों को उपसभापति ने बोलने का मौका दिया ही नही, उन सांसदों की नही सुनी गई, उनका पक्ष नही रखने दिया ,इसलिए आक्रोश में सांसदों ने वह किया जो उचित नही था।
पर उन 8 सांसदों को निलंबित किया जाना सही नही है। 

   (निलंबित सांसद- संसद भवन के लॉन में )

कल मंगलवार के दिन अन्य विपक्षी सांसदों ने सदन का बहिष्कार किया और बाहर चले गए। उनकी अनुपस्थिति में महज साढ़े 3 घंटे में ही 7 बिल पास हुए। जिनमे कृषि विधेयक का तीसरा बिल भी पास हुआ।

तीसरे कृषि बिल में अनाज, खाद्य पदार्थ, खाद्य तेल, प्याज, आलू आदि को आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी से बाहर रखने के प्रावधान को मंजूरी मिल गई।

ध्वनि मत से पारित होने वाले बिल में आई आई टी एक्ट पास हुआ जिसमें मजूरी दी गई की आई आई टी संस्थान अब विश्वविद्यालय की डिग्री दे सकेंगे।
इसके अतिरिक्त मजदूरों के लिए सुरक्षात्मक कानून भी पास हुआ।

पवार ने  सांसदों के निलंबन के विरोध में विपक्षी सदस्यों के साथ भूख हड़ताल में शामिल होने का फैसला लिया। शरद पवार ने कहा कि लोकतांत्रिक राजनीति में उनका 50 वर्षों का अनुभव है और 20 सितंबर के दिन, सदन के लिए बहुत ही बुरा रहा ,जिसका अनुभव उन्होंने कभी नही किया।

इधर कल निलंबित सांसदों ने पूरी रात सदन के बाहर ही गुजारी। सुबह उपसभापति हरिवंश ने सबके लिए चाय नाश्ता भिजवाया। कुछ ने पी और कुछ ने नही।

हरिवंश ने भारी मन से राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति वैकैया नायडू को पत्र में लिखा कि 20 सितम्बर को जो सदन में हमलात्मक घटना हुई, उनके सामने रखे रूल बुक को फाड़ा गया, माइक तोड़े गए। इससे वह मानसिक रूप से  बहुत आहत हुए हैं। 

20 सितम्बर के ही दिन कृषि से संबंधित दो बिल पास किये गए हैं। इसी दिन 8 सांसदों को अन्य पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। निलबिंत सांसदों में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रिएन, आप के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव सातव, सीपीएम से के के रागेश शामिल हैं। इन्होंने राष्ट्रपति से मिलकर अपनी बात रखने से पहले पूरी रात संसदीय भवन के लॉन में बिताई ।

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