महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश ,बिहार, झारखंड अन्य राज्यों में जाने के लिए मची होड़/ सभी पार्टी कार्यालयों में बांटे जा रहे फार्म / पुलिस थानों में फार्म भर कर दिए जा सकते हैं /सभी जोन के डीसीपी को बनाया गया नोडल अधिकारी / हर राज्य के नोडल अधिकारी से भी हो रही है बात/ गृह मंत्रालय ने विशेष ट्रेनों के माध्यम से प्रवासी नागरिकों को उनके घर भेजने का बनाया है मास्टर प्लान/
गृह विभाग द्वारा विशेष टीमों के मध्य में प्रवासी मजदूर तीर्थयात्री व अन्य सभी नागरिक छात्रों व सामान्य नागरिकों के लिए जो भी अपने मूल राज्य में वापस जाना चाहते हैं उनके लिए विशेष ट्रेन के माध्यम से उन्हें पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है इसी कड़ी में हैदराबाद से भी एक ट्रेन झारखंड के लिए छोड़ी गई जिसमें 12 सौ लोग सुरक्षित पहुंचाएं गए हैं ।मुंबई के सटे इलाके वसई और भिवंडी से गोरखपुर के लिए ट्रेन आज चलाई जा रहे हैं हर ट्रेन में 1200 यात्री समाविष्ट किए जाएंगे।
सभी को यात्रा करने के लिए योग्य पाए जाने की एक समुचित प्रक्रिया बनाई गई है जिसके तहत एप्लीकेशन फॉर्म ऑफ लाइन भरकर लोकल पुलिस स्टेशन में दिया जा सकता है ।डॉक्टर का मेडिकल सर्टिफिकेट सबमिट किया जाना जरूरी है। जिसे किसी भी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर या डॉक्टर के द्वारा दिया जा सकता है।
रविवार को ट्रेन में जगह के लिए जुटे 5000 प्रवासी
शनिवार को 847 प्रवासियों को लेकर नासिक से लखनऊ एक ट्रेन रवाना हुई। रविवार को भी दो ट्रेनें गोरखपुर के लिए रवाना होनी हैं, इनमें से एक भिवंडी से रवाना होगी और दूसरी वसई से। दोनों में 1200 प्रवासियों को जगह दी जाएगी। भिवंडी से रवाना होने वाली ट्रेन में जगह पाने के लिए शनिवार को 5,000 प्रवासियों की भीड़ शनिवार शाम से ही स्टेशन पर जुट गई। बाद में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें समझा-बुझाकर वापस भेजा।
महाराष्ट्र के पड़ोसी राज्यों के भी हैं काफी प्रवासी
अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र के पड़ोसी राज्यों के भी कुछ प्रवासी वापस जाना चाह रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, जो राज्य महाराष्ट्र के साथ बॉर्डर शेयर करते हैं, उनसे भी प्रवासियों को भेजने में सहयोग की गुजारिश की गई है। कई प्रवासी हैं जो महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों से पड़ोसी राज्यों जैसे-गुजरात, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, तेलंगाना और दमन-दीव जाना चाहते हैं।
गांव जाना है तो यहां जानें हर जरूरी सवाल के जवाब…
घर जाने की मंजूरी कौन देगा?
गांव जाने के लिए पुलिस के माध्यम से मंजूरी मिलेगी। इसके लिए सभी डेप्युटी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
रजिस्ट्रेशन कैसे होगा?
https://covid19.mhpolice.in/registration पर ऑनलाइन तरीके से आवेदन पत्र भर सकते हैं। लोकल पुलिस स्टेशन में ऑफलाइन भी फॉर्म भरकर दिया जा सकता है।
कौन-कौन से कागज चाहिए?
समूह में जाने वाले लोगों को अपने लीडर (मुख्य आदमी) का चुनाव करना होगा। सभी सदस्यों के नाम, आधार कार्ड नंबर, यात्रा कहां से कहां तक करनी है, निजी वाहन या बस/ट्रेन से जाने का जिक्र, पंजीकृत डॉक्टर से मेडिकल रिपोर्ट और मोबाइल नंबर देना अनिवार्य है।
जानकारी कैसे मिलेगी?
प्रशासकीय स्तर पर आपके फॉर्म की मंजूरी मिलने के बाद आपको पास जारी करने की हरी झंडी दी जाएगी। इस बारे में संबंधित व्यक्ति को ई-मेल या मोबाइल नंबर से सूचना दी जाएगी।
कब तक इंतजार करना होगा?
जिस राज्य में आप जाना चाहते हैं, वहां के भी अधिकारी को इसकी सूचना दी जाएगी और उसी अनुसार भेजने की तैयारी होगी। आपको यात्रा की सूचना भी विभिन्न माध्यमों से प्रशासन द्वारा दी जाएगी। तब तक आपको घर पर रहकर इंतजार करना होगा। किसी के बहकावे में नहीं आना है।
प्राइवेट गाड़ी से जा सकते हैं क्या?
आपको निजी वाहन से जाने की अनुमति भी इसी तरह मिल सकती है। इसके लिए भी तय प्रक्रिया में आवेदन करना होगा, जिसमें गाड़ी का नंबर और ड्राइवर की जानकारी भी देनी होगी।
गांव जाने वाले ‘फॉर्म’ के नाम पर ठगी
दूसरी ओर भाईंदर के नवघर रोड पुलिस ने एक व्यक्ति को गांव जाने के ‘फॉर्म’ के नाम पर फैक्ट्री मजदूरों के साथ ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। शनिवार को चंद्रशेखर जाधव नाम का शख्स जयअंबे इंडस्ट्रियल क्षेत्र में फैक्ट्री मजदूरों से ये कहकर 200-200 रुपये जमा करने लगा कि उनके फॉर्म को भरकर उनके मूल राज्य में जाने की व्यवस्था की जाएगी। हजारों लोगों ने घर जाने के लालच में उसे 200 रुपये दे दिए।
गौरतलब है कि आरोपी ने सभी पीड़ितों को 200 रुपये की रसीद भी दी है। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रकाश विराजदार ने बताया कि आरोपी पर महाराष्ट्र कोविड-19 एक्ट के अलावा आईपीसी 269, 270 तथा अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
No comments
Post a Comment