0 मुंबई महानगर पालिका में नगरसेवक के परिवारों का प्राइवेट लैब में बिना किसी लक्षण के भी कोविड-19 टेस्ट कराने के निर्देश वह भी मुफ्त में /प्रसिद्ध समाज सेवक व आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने महाराष्ट्र सरकार पर उठाए सवाल - आम जनता के साथ दुर्व्यवहार क्यों? - Khabre Mumbai

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मुंबई महानगर पालिका में नगरसेवक के परिवारों का प्राइवेट लैब में बिना किसी लक्षण के भी कोविड-19 टेस्ट कराने के निर्देश वह भी मुफ्त में /प्रसिद्ध समाज सेवक व आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने महाराष्ट्र सरकार पर उठाए सवाल - आम जनता के साथ दुर्व्यवहार क्यों?

महाराष्ट्र में कोविड-19 के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए मुंबई महानगर पालिका ने सभी नगरसेवक के परिवार के सदस्यों की कोविड-19 टेस्ट प्राइवेट लैब में निशुल्क कराने का निर्देश जारी किया है ।

आपको बता दें कि कुछ ही दिन पहले मनपा आयुक्त ने यह निर्देश जारी किया था ,कि जिन लोगों में कोरोना के लक्षण अभी तक नहीं है या जिन्हें सामान्य रूप से सर्दी खासी है ; उन्हें किसी तरह का टेस्ट कराने की कोई आवश्यकता नहीं है।

 इतना ही नहीं मनपा प्रशासन ने यह भी दिशा निर्देश जारी किया की सामान्य रूप से बुखार या खांसी होने पर पेरासिटामोल लेकर घर में ही सिर्फ क्वॉरेंटाइन रहे अस्पतालों में न जाए क्योंकि अस्पतालों में इस समय क्रिटिकल कंडीशन में लोगों की आवश्यकता है/ 

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने प्रशासन को पत्र लिखकर यह प्रश्न पूछा है कि यह दो तरह के आदेश प्रशासन कैसे जारी कर सकता है ? एक तरफ सामान्य जनता को कोई लक्षण दिखाई देने पर कोविड-19 टेस्ट नहीं कराने की सलाह दी जा रही है ।कोई टेस्ट नहीं करने के निर्देश जारी किए जाते हैं । आपको बता दें कि सामान्य रूप से कोविड 19 टेस्ट के लिए प्राइवेट लैब में 4500 रुपये की कीमत रखी गई है।

वहीं दूसरी ओर मनपा में 227 नगरसेवक परिवार के सदस्यों का प्राइवेट लैब में मुफ्त  कोविड-19  टेस्ट कराने का निर्देश देना कहां तक उचित है ?

क्या यह मुंबई के टैक्सपयरो के साथ अन्याय नहीं है, ऐसा प्रश्न जनता में व्याप्त है।

आपको बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि सिर्फ उन्ही व्यक्तियों का कोरोना टेस्ट फ्री में किया जाए जो आर्थिक रूप से पिछड़े (EWS) में हों, और वे आयुष्यमान योजना में कवर किये गए हों।



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