एक और खाकी चढ़ा करोना की भेंट/ मालवणी पुलिस के हेड कांस्टेबल 52 वर्षीय जगदीश पोटे की हुई मौत / मुंबई में अब तक 14 पुलिसकर्मी हुए कोरोना के शिकार - राज्य में 22 की मौत।
मुंबई शहर पूरे देश में इस समय सबसे ज्यादा पूर्णा ग्रस्त मरीजों के आंकड़े के साथ जी रहा है।
कल खबर आई कि जगदीश पांडुरंग पोते 52 वर्षीय हेड कांस्टेबल जो मालाड के मालवनी पुलिस स्टेशन में कार्यरत थे, उनकी कोरोनावायरस चलते मौत हो गई है। वह 20 मई से छुट्टी पर थे और शिवम अस्पताल में भर्ती थे। शारीरिक समस्या बढ़ने पर और अधिक बीमारी के चलते उन्हें मालाड अस्पताल में स्थानांतरित किया गया ।कोरोनावायरस के लक्षण विकसित होने पर उनका और उनके परिवार का सर जेजे अस्पताल में टेस्ट किया गया। टेस्ट के कुछ ही घंटों के बाद उनकी मौत हो गई और उनकी पत्नी का इलाज उसी अस्पताल में इस समय चल रहा है जो पति की मौत से गहरे सदमे में हैं।
मालवणी के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक जगदेव कलपाड़ के अनुसार हेड कांस्टेबल पोते को पहले से कोई बीमारी नहीं थी। यह संभव है की पेट्रोलिंग ड्यूटी के दरमियान उन्होंने कोरोना से संक्रमित हुए होंगे बाहर हाल मुंबई में अब तक 14 पुलिस वालों की जान कोरोनावायरस से संक्रमण के चलते जा चुकी है |
महाराष्ट्र में दो लाख के लगभग पुलिस बल मौजूद है जो इस समय पूरे राज्य में बंदोबस्त में लगे हुए हैं ।2095 पुलिसकर्मी कोरोना से संक्रमित हुए हैं। वही छह हजार के लगभग पुलिसकर्मी कोरोना के संक्रमण में आने के चलते क्वारन्टीन किए गए हैं। राज्य में अब तक 22 पुलिसकर्मी कोरोनावायरस से लड़ते लड़ते शहीद हो चुके हैं।
2095 संक्रमित पुलिसकर्मियों में 236 पुलिस उपनिरीक्षक रैंक के हैं जबकि 1859 पुलिसकर्मी कॉन्स्टेबल रैक के हैं जिनमें मुंबई से ही 1203 पुलिसकर्मी शामिल है।
सहायक इंस्पेक्टर जनरल विनायक देशमुख, महाराष्ट्र राज्य ने कहा कि उन्होंने सरकार से 20 कम्पनी, 1200 लोगों की सहायता मांगी थी। जिनमे 10 की मदद मिली है। केंद्रीय राखीव पुलिस बल (CISF), रैपिड एक्शन फ़ोर्स , केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल( सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फ़ोर्स) इनकी कुल 10 कम्पनियां राज्य के अलग अलग संवेदनशील इलाकों में तैनात की जा चुकी हैं।
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