प्रधानमंत्री मोदी ने की- देश से मन की बात /अक्षय तृतीया के अवसर पर पृथ्वी को बताया अक्षय / किसानों की मेहनत को बताया अक्षय। मास्क के महत्व को सभ्य समाज से जोड़ने की की बात/
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आज देश के साथ मन की बात कार्यक्रम में कई बातें साझा की ।उन्होंने कहां कि आज मास्क से मुंह ढक कर रहने की यह कवायद जो जारी है, आने वाले समय में यह सभ्य समाज की पहचान मानी जाएगी ।
ऐसा नहीं है जो मास्क लगाकर निकलेंगे उन्हें कोई बीमारी है बल्कि उन्हें बीमारी ना हो इसलिए वे मास्क लगाएंगे। यह हमारे दैनंदिन जीवन में सकारात्मक सुरक्षा के दृष्टिकोण से जरूरी होगा ।
पहले के समय में जब कोई व्यक्ति फल खरीदता था तो पहचान वाले उसे यह पूछते थे कि घर में कोई बीमार तो नहीं है ।क्योंकि उस वक्त ऐसी मान्यता थी कि घर में किसी के बीमार होने पर ही फल लिया जाता है ।
बाद में समाज में यह सोच बदली की बीमारी ना हो ,स्वस्थ रहें, इसलिए भी फल लिया जाता है ।
दूसरी बात यह है इधर-उधर थूकने की जो बुरी आदत है, उसे भी धीरे-धीरे कम करना होगा। मास्क लगाने की आदत से थूकने की गलत आदत भी छूट जाएगी।
जहां पर भी मास्क उपलब्ध न हो वहां गमछे का प्रयोग करें।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज अक्षय तृतीया के अवसर पर महत्वपूर्ण बातें कहीं ।उन्होंने कहा , अक्षय तृतीया का दिन महाभारत से जुड़ा है ।इसमें भगवान कृष्ण और भगवान सूर्य देव की कृपा से पांडवों को एक अक्षय पात्र प्राप्त हुआ था। क्षय का अर्थ है घटना ,लेकिन अक्षय का अर्थ है जो कभी खत्म नहीं होता।
ठीक उसी तरह आज की इस विकट परिस्थिति में भी हमारे किसान भाइयों के कठिन परिश्रम के परिणाम स्वरूप हमारे पास अक्षय रूप में अनाज उपलब्ध है ,अनाज की कोई कमी नहीं है।
जैन धर्म में भी आज का यह दिन एक विशेष पर्व के रूप में मनाया जाता है । इसका संबंध जैन धर्म के पहले तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव से जुड़ा है।
आज के इस दिन को बहुत ही विशेष मानकर लोग नई शुरुआत करते हैं ;अच्छे काम करते हैं ।
प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से पृथ्वी को अक्षय बनाने और उसके लिए अच्छे प्रयास करने की अपील की है।
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