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निजामुद्दीन मार्ग पर हुए जमात की कोरोना मरकज प्रकरण में पोलिस क्यों नही आई रोकने, थाना महज चंद कदम दूर।जमात का पाकिस्तान से कनेक्शन

तबलीगी जमात द्वारा निजामुद्दीन  औलिया दरगाह मरकज में जो हुआ अब जग जाहिर हो चुका है।

इस मरकज में शामिल लोगों में 1836 लोगो को क्वारंटाइन किया गया ।ये सभी ट्रैन, बस, हवाई जहाजों में खूब घूमे। जमकर कोरोना का संक्रमण फैलाया।

13 मार्च को मरकज में जलसा शुरू होने पर निकलने वाले जम्मू कश्मीर के कारोबारी की मौत कोरोना के चलते 23 मार्च को हो गई, इस दरमयान कई सफर हुए। अंदाज लगाइए कितनो में संक्रमण हुआ होगा।

राज्य और केंद्र सरकार की नींद उड़ गई है। इसके उलट इस से संक्रमित हुए लोगो को ढूंढने गई पोलिस पर अहमदाबाद में पथराव हुए।

दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश ,बिहार  समेत इन सभी 16 राज्यों जमात के लोगों के फैलने से  कोरोना संक्रमण   का खतरा बना हुआ है।
महाराष्ट्र पुलिस ने तब्लीकि जमात से तीन ट्रस्टी पर  विदेशी लोगों को छुपाने और कानून को जानकारी न देने का मामला दर्ज किया है।
जमात के मौलाना की गिरफ्तारी अब भी नही हो सकी है। 

देश की सबसे बड़ी झुग्गी धारावी में भी एक संक्रमित पाया गया है। अब तक महाराष्ट्र में इस संक्रमण से 16 और मुम्बई में 4 मौते हो चुकी हैं।

बिना किसी मास्क, हैंड ग्लव्स, सामाजिक दूरी बनाए इस जमात में हजारो लोग एक से सटे एक पड़े रहे। मौलाना  ने जो भड़काऊ संदेश दिए , कोरोना को लेकर अल्लाह की मर्जी, अल्लाह का आदेश बताया कि यह समय मस्जिदों में रहने का है ।

सरकार को मौलाना साद ने कहा ये दुसरो को मिलने से रोकते हैं, खुद मिलने से बाज नही आते।

कोई यह कहे मस्जिद बंद होकर ताले लगाना चाहिये नही तो बीमारी बढ़ेगी, ये खयाल गलत है।ये कितनी गलत तकरीर है, मस्जिद बंद होने का सवाल ही नही है। भड़काऊ वीडियो 55 साल के मौलाना साद ने दिया जो मैसेज ऑफ इस्लाम के नाम से हर जगह प्रचारित हुआ ।

इस जमात ने मलेशिया में 27 फरवरी को भी जलसा मनाया जिसमे 16000 लोग शामिल हुए, पहला कोरोना 17 मार्च को आया बाद में दो तिहाई मरीज इस जमात से संबंधित लोगो  के हुए।  और आखिर मलेशिया को लॉक डाउन करना पड़ा।


दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि 13 मार्च को ही कोरोना को दिल्ली में महामारी घोषित कर दिया गया और कहा गया कि 50 से ज्यादा लोग और बाद में यह भी कहा कि 5 से ज्यादा लोग नही होने चाहिए। ऐसे में जमात ने अपराध किया है।


23 से 28 मार्च तक मरकत को खाली क्यों नही कराया गया।
क्या दिल्ली पुलिस ने सिर्फ दिखावे के लिए 23 मार्च को जमात को चेतावनी दी थी।

दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम को क्वारंटाइन के लिए तैयार है। जिसकी क्षमता 60 हजार की है।
लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल, बाबासाहेब अम्बेडकर अस्पताल भी कोरोना के लिए तैयार हैं।
साकेत का मैक्स केअर अस्पताल भी कोरोना के लिए पूरी सेवा में लगा हुआ है।


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