0 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिया राष्ट्र को संदेश, ५अप्रैल ,रविवार की रात 9बजे 9 मिनट के लिए बिजली बंद करने और घर के बाहर दिया, मोमबत्ती जलाने की अपील। - Khabre Mumbai

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिया राष्ट्र को संदेश, ५अप्रैल ,रविवार की रात 9बजे 9 मिनट के लिए बिजली बंद करने और घर के बाहर दिया, मोमबत्ती जलाने की अपील।

आओ फिर से दिया जलाएँ
भरी दुपहरी में अँधियारा
सूरज परछाई से हारा
अंतरतम का नेह निचोड़ें-
बुझी हुई बाती सुलगाएँ।
आओ फिर से दिया जलाएँ

हम पड़ाव को समझे मंज़िल
लक्ष्य हुआ आँखों से ओझल
वर्त्तमान के मोहजाल में-
आने वाला कल न भुलाएँ।
आओ फिर से दिया जलाएँ।

आहुति बाकी यज्ञ अधूरा
अपनों के विघ्नों ने घेरा
अंतिम जय का वज़्र बनाने-
नव दधीचि हड्डियाँ गलाएँ।
आओ फिर से दिया जलाएँ
( अटल बिहारी वाजपेयी)

भूतपूर्व प्रधानमंत्री ,पत्रकार व राष्ट्रभाषा हिन्दी के अग्रणी कवि श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की यह कविता आज वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा राष्ट्र को दिए संदेश पर याद आ रही है।

आज देश वैश्विक महामारी कोरोना के घनघोर संकट से गुजर रहा है।

मोदी जी ने आज सुबह ९ बजे राष्ट्र को दिए वीडियो संदेश के माध्यम से सभी १३०करोड़ देशवासियों के विश्वास, लॉक डाउन में दिए जा रहे सहयोग, घर से बाहर न निकलने का पालन करने पर धन्यवाद दिया है। डॉक्टरों, नर्सों, पुलिस ,मीडिया ,साफ सफाई कर्मी और जरूरत मंद वस्तुओं को पहुंचाने वाले लोगो की भी प्रशंशा की।

मोदी जी ने कहा है कि आगामी ५ अप्रैल ,रविवार की रात ९बजे अपने घरों की सभी बल्ब, लाइट  ९ मिनट के लिए बंद कर दें।इन ९मिनटों तक घर के दरवाजे, बालकनी या छत पर दीया, दीपक या मोमबत्ती अथवा टॉर्च, मोबाइल की फ़्लैश लाइट जलाना है ,माँ भारती को याद करना है। ऐसा करते समय सोशल डिस्टनसिंग यानी सामाजिक दूरी का पूरा पालन करना है। सड़क ,गली, मुहल्ले में नही जाना है। सबको सिर्फ अपने घर पर ही रहकर यह काम करना है।


इससे हम सभी देशवासियों में सकारात्मक ऊर्जा और विश्वास का संचार होगा।

कोरोना के विरुद्ध यह किसी एक का संघर्ष नही है बल्कि सभी १३०  करोड़ देशवासी एक दूसरे  के साथ हैं।

https://youtu.be/t3nCfGh75-A

पूर्व इंडियन मेडिकल असोसिएशन के चेयरमैन ,हृदयरोग चिकित्सक और वर्तमान में हार्ट केअर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉक्टर के के अग्रवाल के अनुसार मोदी जी द्वारा किये अपील का भरपूर समर्थन किया जाना चाहिए।

डॉ अग्रवाल के अनुसार , उनकी अपील योग वशिष्ठ  ग्रंथ के छठवें अध्याय पर आधारित है। इस के अनुसार ८अप्रैल को हनुमान जयंती से पहले ५ अप्रैल को  ९ बजे प्रदोष काल है  वह प्रिंसिपल ऑफ कलेक्टिव कॉन्शियसनेस ( सामूहिक बोधता का सिद्धान्त) पर आधारित है। इसमें ५%लोग जैसा सोचते हैं ,वैसा ही ९५% लोग करते हैं।

ऐसे में यदि १३०करोड़ देशवासी यदि एक साथ ९मिनट के लिए घर की छत पर या दरवाजे पर चौमुखी यानी चारों दिशाओं में मोमबती, दीपक, या टॉर्च या मोबाइल फ़्लैश लाइट जलाएं तो वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भर जाएगा, और कोरोना विषाणु समाप्त हो सकता है।

डॉक्टर अग्रवाल को 2010 में पदम् श्री  से सम्मानित  किया जा चुका है। 1979 में नागपुर  विश्वविद्यालय से  एम बी बी एस  और 1983 में एम डी  बने  डॉक्टर  के के अग्रवाल दिल्ली के  प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ हैं। उन्हें  २००५ में भारत में वैद्यकीय क्षेत्र का सबसे बड़ा सम्मान  डॉक्टर बी सी रॉय अवार्ड भी दिया जा चुका है।

                डॉ के के अगरवाल


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