0 2 बार टेस्ट नेगेटिव होने के बाद धारावी मरीज की मृत्यु सायन अस्पताल में , 3री रिपोर्ट निकली पॉजिटिव, अंतिम संस्कार करनेवालों में दो अन्य हुए संक्रमित।रहेजा अस्पताल में करना पड़ा था भर्ती। - Khabre Mumbai

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2 बार टेस्ट नेगेटिव होने के बाद धारावी मरीज की मृत्यु सायन अस्पताल में , 3री रिपोर्ट निकली पॉजिटिव, अंतिम संस्कार करनेवालों में दो अन्य हुए संक्रमित।रहेजा अस्पताल में करना पड़ा था भर्ती।

धारावी के एक निजी क्लीनिक सेंटर में कार्यरत डॉ राम सिंह यादव ने खबरें मुंबई से बातचीत में बताया, कोविड-19 एक ऐसा संक्रमण रोग है जिसमें एहतियात बरतना ,सामाजिक दूरी बनाए रखना, सुरक्षा के इंतजाम , हेलदी डाइट यह प्रमुख उपचार है।

डॉ यादव ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा , "1 अप्रैल को सुरेश नारायण कर नाम का मरीज जिसे उन्होंने पहले सामान्य बीमारी वाला व्यक्ति समझकर ट्रीटमेंट किया, और बाद में सायन अस्पताल में रेफर किया वहां दो बार कोविड-19 का टेस्ट अस्पताल के स्टाफ ने किया और रिपोर्ट नेगेटिव आई / आईसीयू से निकाल कर मरीज को वेंटीलेटर पर भी रखा गया क्योंकि स्थिति बिगड़ रही थी /और उसके बाद 7 तारीख को देहांत हो गया/ क्योंकि तीसरी बार भी अस्पताल प्रशासन ने टेस्ट किया था पर दो बार नेगेटिव आने की वजह से वह आश्वस्त थे कि तीसरी बार भी रिपोर्ट नेगेटिव ही होगा/ इसलिए मृत शरीर परिवार वालों को अंतिम संस्कार के लिए दे दिया गया । जब तीसरी रिपोर्ट आई तो वह पॉजिटिव थी।

 फिर क्या था, परिवार में सास, ससुर ,बहन सरहज सभी के टेस्ट हुए और 2 लोग पॉजिटिव पाए गए। जिन्हें इलाज के लिए रहेजा अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। डॉ यादव बताते हैं, उनके पास हर तरह के मरीज आते हैं। सिर दर्द ,बुखार, बदन दर्द, खांसी ,पेट में दर्द जैसे कई शिकायतों वाले मरीज आते हैं ।सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखा जाता है ।

जो मरीज चलकर आते हैं, उन्हें खड़ी अवस्था में ही सामाजिक दूरी के हिसाब से सर्कल किए गए जगह में उनसे उनकी तकलीफ पूछी जाती है। उन्हें ट्रीट किया जाता है। स्थिति सही नही समझने पर उन्हें सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है ।

डॉ यादव और उनके अन्य लोग पीपीई किट का इस्तेमाल करते हैं। जिसमें ड्रेस विथ हेड कवर, एन 95 मास्क, गॉगल ,हैंड ग्लोब्स का समावेश होता है।  प्रतिदिन एक नया किट इस्तेमाल करना पड़ता है ।डॉक्टर कहते हैं ,कई बार परिवार के लोग भावना के आवेश में उन्हें न जाने की सलाह देते हैं ।लेकिन बतौर डॉक्टर अपने फर्ज के खातिर उन्हें मरीजों को देखना होता है। वे कहते हैं , "मरीज बड़ी आशाओं के साथ हमारे पास होते हैं, ऐसे में हम ईमानदारी से पूरी कोशिश करते हैं की मरीज का सहारा बन सकें और हमें इतनी खुशी मिलती है। "

(डॉ राम सिंह यादव, धारावी स्थित क्लिनिक में)


डॉ राम सिंह यादव के अनुसार इम्यूनिटी सिस्टम का मजबूत होना इस रोग से लड़ने के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है ।

यदि कोई व्यक्ति कोविड-19 संक्रमित हो भी जाए और खुद को क्वॉरेंटाइन कर ले ,हेल्थी डाइट का इस्तेमाल करें तो कुछ दिन बाद वह स्वयं भी ठीक हो सकता है।

डॉक्टर बताते हैं कि कोविड-19 दूसरे दिन से लेकर 14 दिन तक का समय ले सकता है यह बताने में या यह समझने में कि यह व्यक्ति लक्षणों के हिसाब से कोविड-19 संक्रमित है या नहीं है।

 व्यक्ति के रोग प्रतिकारक क्षमता के हिसाब से बहुत ही जल्दी पता लग जाता है या कई बार 14 दिन भी चले जाते हैं। इसलिए रोग प्रतिकारक क्षमता यानी इम्यूनिटी सिस्टम का मजबूत होना बेहद जरूरी है। अधिकांश बच्चे या बुजुर्ग जो अधिक उम्र के हैं, उनका शरीर कमजोर होता है और उनको विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

 वहीं दूसरी ओर अगर आप शारीरिक रूप से कमजोर हैं या आपने पहले से ही कोई बीमारी है तो आप कोविड-19 विषाणु के लिए बहुत ही सॉफ्ट टारगेट बन जाते हैं। महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में संक्रमण की संख्या ज्यादा होती है ; क्योंकि धूम्रपान, शराब और कई ऐसी चीजें जो आपके शरीर को कमजोर करते हैं आपकी रोग प्रतिकारक क्षमता को घटा देते हैं जिससे किसी भी विषाणु से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है ।

ऐसे वक्त में हमें अपने आप को, अपने शरीर को नियमित रूप से स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अच्छे आहार लेने की जरूरत है ।

जितना हो सके सामाजिक दूरी बनाएं, घर पर रहे ,सुरक्षित रहें और सरकार का साथ दें ।

डॉ यादव ने कहा दुख होता है,  कई बार हमारे साथी देश के अन्य क्षेत्रों में जो इमानदारी से लोगों की टेस्टिंग या उपचार से संबंधित काम कर रहे हैं ; उन पर हमला होता है / जो लोग ऐसा करते हैं वह हमारे दुश्मन नहीं है ,वह अपने आप से दुश्मनी कर रहै है।   हम अपने लिए नहीं आपके लिए ,सिर्फ आप लोगों के लिए काम कर रहे हैं; ताकि आप बचे रहें। आप सब हैं तो यह देश होगा। देश की एकता को बनाए रखना बहुत जरूरी है।

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