मानवाधिकार आयोग ने मांगा पालघर हत्याकांड पर राज्य सरकार से जवाब; केंद्रीय गृहमंत्रालय ने मांगा जांच रिपोर्ट ; मामले की जांच कर रही है सी आई डी । 101 अपराधी हैं ३०अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में।९ नाबालिग भेजे गए सुधार गृह।
१६ अप्रैल की रात ९.३०-१०बजे के लगभग पालघर में घटी दुर्भाग्यपूर्ण वारदात में पंच दशनाम जूना अखाड़ा के भदोही के ७० वर्षीय संत कल्पेश गिरी जी चिकने महाराज, सुल्तानपुर के ३८ वर्षीय सुशील गिरी जी महाराज और उनके ड्राइवर नीलेश तेलगने ३५ वर्षीय की नृशंस हत्या कर दी गई।
घटना मुम्बई से १२५ किलोमीटर दूर स्थित गढ़ चिंचले गांव के ग्रामीणों द्वारा की गई।
दोनों संत ड्राइवर सहित उनकी गाड़ी से ,उनके गुरु की सूरत, गुजरात में देहावसान हो जाने के बाद अंत्येष्टि में शामिल होने जा रहे थे।
उग्र भीड़ ने गाड़ी को घेर लिया, निकालकर मारा पीटा, मौके पर आई पुलिस ने अपनी पेट्रोलिंग गाड़ी में बिठाया, थाने लाई। सोशल अप्प पर वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है की कल्पेश गिरी महाराज जिनके सिर से खून बह रहा है, पुलिस कर्मी का हाथ पकड़े हैं, बाहर नही आना चाहते, बार बार पुलिस के पीछे छिपना चाहते हैं, पर उन्हें क्रुद्ध हैवान भीड़ के हवाले करकर पुलिस कर्मी हाथ छुड़ा लेता है।
क्रुद्ध भीड़ उन्हें डंडों से खूब हैवानियत से मारती है, और कल्पेश जी दम तोड़ देते हैं। इसके बाद वही भीड़ पुलिस पेट्रोलिंग गाड़ी की कांच पत्थरो से मारकर तोड़ देती है, अंदर बैठे सुशील गिरी और ड्राइवर को पत्थरो और लाठियों से पीट पीटकर जान से मार देती है।
200 के लगभग यह हिंसक भीड़ इस पूरे हैवानियत को खाकी सिपाहियों के सामने अंजाम देती है। पुलिस कुछ नही करती।
१२.३० बजे रात के लगभग एस पी गौरव सिंह एवम टीम आती है। तब तक गांव की यह भीड़ गायब हो जाती है। सुबह में सर्च ओपरेशन शुरू होता है, १७ तारीख को ही ११० लोगों को हिरासत में लिया जाता है, एफआईआर दर्ज होती है।
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अनुसार १८ अप्रैल को पुलिस प्रेस नोट जारी करती है। पुकिस ने अपने बचाव में कहा कि उनके लोगों को भी चोट आई है। उनके ड्राइवर को भी मारा गया है। भीड़ अधिक थी, नियंत्रित नही किया जा सका। जबकि वायरल वीडियो पुलिस की उस वारदात के समय भूमिका पर सवाल खड़े कर रहा है। पुलिस द्वारा इन बेकसूरों को बचाने की कोई तिलभर भी कोशिश दिखाई नही दे रही है।
(बाएं से- संत कल्पेश गिरी जी, संत सुशील गिरी जी महाराज )
फिलहाल गिरफ्तार लोगो मे १०१ अभियुक्तों को ३० अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, ९ नाबालिग भी हैं जो सुधार गृह में भेजे गए हैं।
पालघर के इस भीषण हत्याकांड पर सभी साधु समाज काफी आक्रोशित हैं।
जूना अखाड़ा के अध्यक्ष महंत प्रेम गिरी महाराज ने लिखित पत्र देकर महाराष्ट्र सरकार को उचित कार्रवाई न करने पर संचार बंदी के बाद महाराष्ट्र कूच करने की चेतावनी दी है।
वही चित्रकूट से जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज ने भी कहा है कि देश भर से सभी साधु ,नाग साधु महाराष्ट्र जाएंगे । साधु संतों पर हुए इस भीषण अत्याचार को कतई सहन नही किया जाएगा।
(जगद्गुरू आदरणीय रामभद्राचार्य जी महाराज )
जूना अखाड़ा के आचार्य अवधेशानंद जी ने मोमबत्ती गैंग के इस घटना पर चुप्पी को लेकर सवाल उठाये हैं।
मानवाधिकार आयोग ने मांगा जवाब।
आयोग ने राज्य सरकार और राज्य के डीजीपी सुबोध कुमार जायसवाल से इस घटना में अब तक हुई कार्रवाई पर लिखित जवाब मांगा है।
(सुबोध जायसवाल-महाराष्ट्र डीजीपी व पूर्व मुम्बई पुलिस आयुक्त)
No comments
Post a Comment