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भारत सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का किया आपस में विलय- अब बने चार बैंक अर्थव्यवस्था की संभालेंगे कमान-1 अप्रैल से हुए कार्यरत

1 अप्रैल 2019 को बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय हो गया था जिसके बाद विजया और देना बैंक के कारोबार का विलय बैंक ऑफ बड़ौदा में हो गया।

 इसी तर्ज पर कुछ अन्य 10 सरकारी बैंकों को सिर्फ चार बैंकों में विलय करने का काम पिछले वर्षों से चल रहा था जिसकी डेड लाइन 1 अप्रैल निर्धारित की गई थी इन बैंकों में पंजाब नेशनल बैंक ,इंडियन बैंक ,यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया ,आंध्र बैंक, कॉरपोरेशन बैंक ,यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया ,सिंडिकेट बैंक, केनरा बैंक का समावेश ओरिएंटल बैंक ऑफ इंडिया आदि है ।

सिंडिकेट बैंक का विलय केनरा बैंक में हो गया है इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में हुआ है आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में हुआ है और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया तथा ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स  का विलय पंजाब नेशनल बैंक में हो चुका है ।

जानकारों की माने तो सरकारी बैंकों के बढ़ते हुए नॉन परफॉर्मिंग असेट्स यानी यानी ऐसे लोगों का लोन का रेशियो जो डिफॉल्ट में है बैंक को कर्ज अदा नहीं कर पा रहे हैं जिससे बैंक की कर्ज देने की क्षमता कम हो गई है और उनके सामने वित्तीय संकट खड़ा हो गया है ऐसे में कई बैंकों को मिलाकर एक बड़े बैंक के हाथ में प्रतिनिधित्व देना उन्हें आर्थिक सहारा दे सकता है इसका सीधा असर रिटेल ग्राहकों पर कम पड़ेगा क्योंकि अक्सर सभी सरकारी बैंकों का कामकाज का तरीका लगभग समान होता है पर इस विलय का व्यापक असर व्यवसाय खातों पर जरूर पड़ेगा।


बैंकों के शेयर होल्डर्स पर भी इनका असर पड़ेगा क्योंकि इन बैंकों में अपनी वैल्यूएशन के आधार पर विलय की वजह से शेयर प्राइस में एडजस्टमेंट शुरू कर दिया है ।

फिलहाल वित्त मंत्रालय या रिजर्व बैंक की तरफ से ऐसी जानकारी नहीं है कि पहले से ही कार्यरत बैंक के अधिकारियों को सेवा से निकाला जाएगा यह जरूर हो सकता है की कई शाखाएं जहां पर औसतन लेनदेन या वित्तीय सेवा बहुत ही कम हो रही है उन्हें बंद किया जा सकता है ।

इस विलय के बाद भारतीय स्टेट बैंक प्रथम पंजाब नेशनल बैंक दूसरे स्थान पर बैंक ऑफ बड़ौदा तीसरे स्थान पर केनरा बैंक चौथे स्थान पर इंडियन बैंक सातवें स्थान पर यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया पांचवें पायदान पर माना जा रहा है।

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