कर्णाला नागरी सहकारी बैंक में 512 करोड़ का घोटाला, 12 अधिकारियों सहित 76 लोगों पर कल पनवेल शहर पुलिस ने लिया एफआईआर
पीजेन्ट्स एंड वर्कर्स पार्टी (पी डब्लू पी) के विधायक और करणाला बैंक के संस्थापक विवेकानंद पाटिल को करणाला नागरी सहकारी वैंक में हुए 512 करोड़ के घोटाले में मुख्य अभियुक्त ठहराया गया है।
आरोप यह है कि लोन देने के नाम पर 512 करोड़ बैंक से निकाले गए और विवेकानंद पाटिल से संबंधित कई ट्रस्ट खातों में ट्रांसफर किये गए।लोन देते समय किसी तरह की कोई संपत्ति मॉर्गेज नही की गई।
बैंक के पास 40 हजार के लगभग सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट)खाता धारक हैं और 17 से अधिक शाखाएं है जो रायगढ़, पुणे और रत्नागिरी में फैली हुई हैं।
इन शाखों पर आर्थिक दबाव बना हुआ है और पिछले वर्ष 5 हजार निकासी की मर्यादा रखी गई थी।
बैंक के उपाध्यक्ष, मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीईओ, निदेशकों पर भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। पनवेल शहर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।
(पीजेन्ट्स एंड वर्कर्स पार्टी से पूर्व विधायक व बैंक के संस्थापक -विवेकानंद शंकर पाटिल)
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