0 महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग में विजय सिंह वडाला टी टी पुलिस डेथ केस में सुनवाई 2 मार्च को-के ई एम अस्पताल के डीन को पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने का आदेश, सस्पेंड अधिकारियों की विभागीय जांच रिपोर्ट पेश करे पुलिस - Khabre Mumbai

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महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग में विजय सिंह वडाला टी टी पुलिस डेथ केस में सुनवाई 2 मार्च को-के ई एम अस्पताल के डीन को पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने का आदेश, सस्पेंड अधिकारियों की विभागीय जांच रिपोर्ट पेश करे पुलिस

बीती दीवाली की रात वडाला ट्रक टर्मिनल पुलिस थाने में हुई  २५ वर्षीय फार्म कम्पनी में टेरिटरी मैनेजर  विजय हृदय नारायण सिंह की बर्बर पिटाई,  और समय पर पुलिस द्वारा अस्पताल न पहुंचाने  और  परिजन द्वारा सायन अस्पताल पहुँचाने पर डेथ बिफोर एडमिशन घोषित कर दिया गया।

 मामले में उस वक़्त मौजूद ५ पुलिस अधिकारियों को ससपेंड कर दिया गया है। मामला अब क्राइम ब्रांच यूनिट ४ द्वारा देखा जा रहा है। जिसने अपनी रिपोर्ट में पहले ही इस मौत को कस्टडी डेथ मानने से इनकार कर दिया है।

इस मामले में पीड़ित परिजन की ओर से वकील विनय नायर द्वारा मुम्बई उच्च न्यायालय में रिट पेटिशन दाखिल किया गया है। जिसमे आज  सुनवाई होनी थी ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार आज केस सुनवाई की सूची से बाहर कर दिया गया और  अगली तारीख 26 मार्च को दी गई , जबकि पीड़ित के वकील द्वारा अनुनय के बाद केस की अगली तारीख 5 मार्च को की गई है। मामले की सुनवाई न्यायाधीश धर्माधिकारी कर रहे हैं। मुम्बई उच्च न्यायालय ने केस से जुड़े सभी तथ्य, पुलिस प्रशाशन की दलीलें,  के ई एम अस्पताल की डेथ कॉज रिपोर्ट आदि प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

मामले की सुनवाई वकील चट्टोपाध्याय, सामाजिक संस्था टेम्पल ऑफ ह्यूमन डिग्निटी के द्वारा राज्य मानवाधिकार आयोग,  हजारीमल सोमानी मार्ग स्थित मुम्बई कार्यालय में भी चल रही है। जिसमे एक्टिंग चेयर पर्सन एम ए सईद की निगरानी में सुनवाई हो रही है।

गत ६ फरवरी की सुनवाई में क्राइम ब्रांच यूनिट ४ के वरिष्ठ अधिकारी जगदीश भाम्बल को अपनी विस्तृत रिपोर्ट देने, ससपेंड किये गए पांचों अधिकारियों की डिपार्टमेंटल इन्क्वारी रिपोर्ट, के ई एम अस्पताल के डीन को पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट पेश करने का निर्देश जारी किया गया है।
जे जे अस्पताल से डेथ कॉज रिपोर्ट  दी गई है।
मामले की अगली सुनवाई २ मार्च को है।

परिजनों के अनुसार ,विजय सिंह पानी के लिए तरसता रहा पर पुलिस ने मानवता की सीमा पार करते हुए पानी तक नही दिया, वह बेहोश होकर गिर पड़ा, तब जाकर परिजनों को कहा गया कि टैक्सी या प्राइवेट गाड़ी से उसे सायन अस्पताल ले जाएं, उनकी सहायता मांगने पर अधिकारियों ने यह कहकर मना कर दिया कि थाने में एक भी गाड़ी मौजूद नही है।उस वक़्त रात के 1 बजे से ज्यादा का वक़्त हो चुका था। परिजन जैसे तैसे अस्पताल विजय को लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।

  (महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग द्वारा मामले में जारी  प्रोसीडिंग -दिशानिर्देश)

1 comment

Unknown said...

Vijay ke sath bhut galat kiya wadala police Ne
Police ko bhi goli mar deni chahiye ya fasi de dena chahiye