0 राज्य मानवाधिकार आयोग में वडाला टी टी पुलिस ,विजय सिंह की कस्टडी डेथ को बता रही एक्सीडेंट, 2 मार्च को अगली सुनवाई - Khabre Mumbai

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राज्य मानवाधिकार आयोग में वडाला टी टी पुलिस ,विजय सिंह की कस्टडी डेथ को बता रही एक्सीडेंट, 2 मार्च को अगली सुनवाई

बीती दीवाली की रात जब पूरा देश दिए कि रोशनी में जगमगा रहा था, लोग आतिशबाजियों ,पटाखे की मस्ती का आनंद ले रहे थे, उसी रात मुम्बई महानगर में वडाला टी टी पुलिस स्टेशन में 26 वर्षीय फार्मा कंपनी में टेरिटरी मैनेजर के रूप में कार्यरत विजय हृदयनारायण सिंह पुलिस के हत्थे चढ़ गए ,एक प्रेमी युगल से मामूली बात पर हुई कहा सुनी के बाद पहुची पुलिस ने विजय को बिना किसी उचित तहकीकात के पीटने लगी और घरवालों को फ़ोन करके बुलाया , विजय बेहोश हो गया ,पानी मांगता रहा पर उसे पीने का पानी तक नही दिया गया। उलट जब परिवार ने पानी देना चाहा तो नही देने दिया गया। विजय ने शिकायत की उसे छोड़ दिया जाए उसके सीने में दर्द हो रहा है पर पुलिस ने नही सुनी, विजय के बेहोश हो जाने के बाद पुलिस ने बिना किसी गाड़ी की व्यवस्था के रात 2 बजे के आसपास परिजन को खुद गाड़ी की व्यवस्था कर अस्पताल ले जाने का निर्देश दिया ,परिजन प्राइवेट टैक्सी से सायं अस्पताल गए पर वहां डॉक्टरों ने डेथ बिफोर एडमिशन घोषित कर दिया।
मामले में जनता ने खूब विरोध प्रदर्शन किया।पुलिस प्रशाशन की फजीहत हुई, स्थानीय भाजपा विधायक कैप्टेन तमिल सेल्वन, कांग्रेस के वरिष्ठ नगरसेवक रवि राजा, शिवसेना सांसद राहुल शेवाले, नेता उदय प्रताप सिंह, पूर्व राज्य गृहमंत्री कृपाशंकर सिंह, सपा राज्य अध्यक्ष अबु आसिम आज़मी , पूर्व कांग्रेस मुम्बई अध्यक्ष संजय निरुपम, राज्य मंत्री अमरजीत मिश्र, विधायक व हमारा महानगर संरक्षक आर एन सिंह समेत दिग्गजो का तांता लग गया ,सभी ने वडाला टी टी पुलिस के विरोध में जनसमूह का समर्थन किया। बाद में मामले में दोषी पांच पुलिसकर्मियों को ससपेंड कर दिया गया पर उन पर अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नही हुई है।
पीड़ित की ओर से मुंबई उच्च न्यायालय के वकील विजय नायर ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। इसी कड़ी में 6 फरवरी को राज्य मानवाधिकार आयोग में पेशी थी ( तत्कालीन मुम्बई राकांपा प्रवक्ता व वर्तमान वस्त्रोद्योग मंत्री नवाब मलिक की पहल पर मानवाधिकर आयोग में केस )  जिसमे वडाला टी टी पुकिस निरीक्षक जगदीश भाम्बल ने दलील दी कि विजय सिंह की मौत एक्सीडेंटल थी, क्षेत्रीय सीआईडी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी निनाद सावंत जी ने भी अपनी जांच में यही रिपोर्ट दी है।
आयोग के समक्ष पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा)शहाजी उमप द्वारा निर्देशित रिपोर्ट पेश की गई है।
परिजन का आरोप है कि अपराध शाखा पुलिस कर्मियों को बचाने की कोशिश कर रही है। विजय सिंह के साथ नाइंसाफी हुई है, परिवार में पढ़ा लिखा कमाऊ लड़का पुलिस की लापरवाही और निर्दयता का शिकार हुआ।
वकील विजय नायर के अनुसार मुम्बई उच्च न्यायालय के 2014 के रूलिंग का यह उल्लंघन है जिसमे बिना एफआईआर के पुलिसकर्मियों को ससपेंड किया । उन्होंने  इस मामले में न्याय की गुहार लगाई है। 
आयोग ने 2 मार्च को अगली सुनवाई की तारीख रखी है। इससे पहले पुलिस को निर्देशित किया गया है कि फैक्ट्स पर आधारित रिपोर्ट पेश करें।

1 comment

Unknown said...

#we want justice for vijay singh