0 मुम्बई,विजय सिंह पुलिस हिरासत में हुई मौत पर आज न्यायालय में पीड़ित के वकील होंगे दाखिल पेटिशन पर पेश, न्यायिक सीबीआई जाँच की मांग। - Khabre Mumbai

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मुम्बई,विजय सिंह पुलिस हिरासत में हुई मौत पर आज न्यायालय में पीड़ित के वकील होंगे दाखिल पेटिशन पर पेश, न्यायिक सीबीआई जाँच की मांग।

मुम्बई के वडाला ट्रक टर्मिनल पुलिस स्टेशन में बीती दीवाली की रात सायन कोलीवाड़ा परिसर के रहिवासी और मेडली फार्मा कंपनी में कार्यरत 26 वर्षीय विजय हृदयनारायण सिंह की पुलिस की लापरवाही के चलते मौत हो गई थी, परिजनों के अनुसार उनके सामने विजय पानी की गुहार लगाता रहा पर पुलिस अधिकारियों ने न तो स्वयं पानी दिया और न ही परिवार को देने दिया। अंत मे बेहोश होकर गिर पड़ा। पुलिस ने मानवता न दिखाते हुए  रात 2 बजे परिजन को ही कहा निजी गाड़ी में अस्पताल ले जाओ,हमारे पास गाड़ी नही है। किसी तरह परिजन विजय को सायन अस्पताल लेकर पहुंचे पर अधिक देर हो जाने के कारण उसे डेथ बिफोर एडमिशन घोषित कर दिया गया।
मामले में जनाक्रोश ,स्थानीय विधायक भाजपा से कप्तान सेल्वन, पूर्व राज्य गृहमंत्री कृपाशंकर सिंह, फ़िल्म सिटी उपाध्यक्ष व तत्कालीन राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त भाजपा से अमरजीत मिश्र, सपा के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी, पूर्व कांग्रेस मुम्बई अध्यक्ष संजय निरुपम, स्थानीय नगरसेवक व मनपा विरोधी पक्ष नेता रवि राजा कोन्दू , भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष प्रसाद लाड़ सहित दर्जनों नेता, स्थानीय जनसैलाब सभी ने विरोध किया। विधायक  तमिल सेल्वन के प्रशाशनिक दबाव और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश के बाद इस केस में उस वक़्त शामिल पांच अधिकारी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए गए ,मामले की जांच सीआईडी , क्राइम ब्रांच शाखा को दिया गया जिसने अपनी जांच में यह बताया कि मौत पुलिस हिरासत में नही हुई।
गत दिनों राज्य सदन सत्र नागपुर में ,प्रसाद लाड़ ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की, तत्कालीन  राज्य गृहमंत्री एकनाथ शिंदे ने मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के अंतर्गत तीन सदस्यीय जांच समिति के द्वारा किये जाने का निर्देश दिया।
अब तक दोषी अधिकारियों पर कोई प्रथमिकी दर्ज नही हो सका जिसके चलते पीड़ित परिवार में रोष व्याप्त है। विजय इस परिवार में एक ही आर्थिक सहयोग देनेवाला लड़का था जिसके जाने से परिवार काफी सदमे में है।
पीड़ित परिवार के वकील  विनय नायर आज 7 जनवरी को न्यायमूर्ति बीपी धर्माधिकारी, और न्यायमूर्ति नितिन बोरकर के समक्ष दाखिल पेटिशन पर उपस्थित होंगे और पीड़ित का पक्ष रखेंगे।
वकील श्री नायर की मांग है की मामले की सीबीआई जांच हो, परिवार को समुचित न्याय मिले, पुलिस अधिकारियों पर एफआईआर हो और उचित सजा मिले । श्री नायर ने सुप्रीम कोर्ट के  प्रत्येक पोलिस स्टेशन में सीसीटीवी लगाने के आदेश को नाकामयाबी बताई है क्योंकि अधिकांशतः इसका पालन नही हो सका है।



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