0 भारत रत्न भूतपूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री जी की आज पुण्यतिथि, पीएम मोदी समेत दिग्गज हस्तियों ने किया नमन। - Khabre Mumbai

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भारत रत्न भूतपूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री जी की आज पुण्यतिथि, पीएम मोदी समेत दिग्गज हस्तियों ने किया नमन।

देश के दूसरे प्रधानमंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री जी ने 18 महीने के कार्यकाल में अपनी सूझबूझ, हाजिरजवाबी, आत्मविश्वास के बल पर न केवल 1965 में हुए भारत पाक युध्द में देश को जीत दिलाई बल्कि अपनी प्रतिभा से यह साबित भी किया की साधारण किसान परिवार में जन्म लेनेवाला भी देश की सर्वोच्च पद तक पहुंच सकता है।

शास्त्री जी ------ संक्षिप्त जीवन संघर्ष

शास्त्री जी 1904 में उत्तर प्रदेश के मुगलसराय (वर्तमान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर) में शारदा प्रसाद श्रीवास्तव और माता राम दुलारी देवी के यहां जन्मे ,महज 16 वर्ष की उम्र में महात्मा गाँधीनकी विचारधारा से प्रभावित होकर स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए, 9 वर्षों के कारावास की यातना भी झेली। शास्त्री जी की प्रारंभिक शिक्षा महात्मा गांधी विद्यापीठ से हुई ,बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातक भी हुए।
कांग्रेस में शामिल हुए, पहले आम चुनाव में सफल जिम्मेदारी निभाने के बाद नेहरू जी ने उन्हें रेल मंत्री बनाया (देश के पहले रेल मंत्री बने) 1951 से 1956 तक उन्होंने यह पद संभाला ,एक रेल दुर्घटना जिसमे 150 लोगो की मृत्यु हो गई, इसकी पूरी जिम्मेदारी स्वयं पर लेते हुए इस्तीफा दे दिया। बाद में वे गृहमंत्री भी बने।
1921 से 1945 तक गाँधीजी के शिष्य रहकर काफी कुछ सीखा ,जेल की यातनाएं भी सहे।
जवाहर लाल नेहरू के जाने के बाद वे दूसरे प्रधानमंत्री बने पर कार्यकाल चुनौतीपूर्ण रहा।
1965 में भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान उन्होंने जय जवान जय किसान का नारा दिया युद्ध मे हमारी जीत हुई। पर युद्ध विराम के लिए सोवियत संघ(वर्तमान में रूस) ने मध्यस्थता निभाई और ताशकंद (तत्कालीन सोवियत संघ ,वर्तमान -उज्बेकिस्तान) में भारत पाक के बीच शांति समझौते पर शास्त्री जी ने  10 जनवरी 1966 को हस्ताक्षर किए।

 क्या था ताशकंद समझौते में ---------

 इस  समझौते में युद्ध विराम, दोनों देश 1965 तक की ही सीमा पर फ़रवरी 1966 में वापस आ जाएंगे, जीती हुई सीमा एक दूसरे को वापस दी जाएगी, दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध, व्यापार संबंध शुरू करने के प्रयास किये जायेंगे, आंतरिक संबंधित मामलों में एक दूसरे को हस्तक्षेप नही करेंगे जैसी शर्तो का समावेश था।

बताया जाता है उसी रात 11 जनवरी को शास्त्री जी की हृदयगति रुक जाने से उनका निधन हो गया ,जबकि उनके बेटे अनिल शास्त्री के अनुसार शास्त्री जी का चेहरा नीला पड़ गया था ,मुह पर सफेद झाग थे हालाँकि शव का शास्त्रविछेदन(पोस्टमार्टम)नही किया गया ।
मरणोपरांत 1966 में ही शास्त्री जी को सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया ।
कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी, हमेशा त्यागपत्र जेब मे रखनेवाले कर्मठ प्रधानमंत्री के रूप में शास्त्री जी को हमेशा स्मरण किया जाता रहेगा।

शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि कोटि अभिवादन एवं विनम्र आदरांजलि।
     (भारत रत्न स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री)

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