सर्वोच्च न्यायाधीश श्री बोबड़े ने नागरिकता संशोधन कानून पर स्टे देने से किया इनकार, केंद्र को 4 हफ्ते में जवाब देने का दिया निर्देश।
आज सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली में मुख्य
न्यायाधीश एस ए बोबड़े सहित तीन जजों की समिति ने सी ए ए के खिलाफ 143 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि बिना केंद्र सरकार का पक्ष सुने वह इस कानून पर स्टे नही दे सकती। कांग्रेस के जयराम रमेश और आल इंडिया यूनियन मुस्लिम लीग समेत 143 याचिकाएं सी ए ए एक्ट,2019 के विरोध में न्यायालय में दाखिल हैं।
न्यायाधीश एस ए बोबड़े सहित तीन जजों की समिति ने सी ए ए के खिलाफ 143 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि बिना केंद्र सरकार का पक्ष सुने वह इस कानून पर स्टे नही दे सकती। कांग्रेस के जयराम रमेश और आल इंडिया यूनियन मुस्लिम लीग समेत 143 याचिकाएं सी ए ए एक्ट,2019 के विरोध में न्यायालय में दाखिल हैं।
केंद्र सरकार का पक्ष
केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल के वेणुगोपाल ने कहा कि उन्हें सिर्फ 60 याचिकाओं की कॉपी मिली है।बाकी के याचिकाओं पर जवाब देने के लिए उन्हें वक़्त चाहिए। हालांकि कांग्रेस नेता और पूर्व कानून मंत्री कपिल सिबल ने इस एक्ट के लागू होने पर रोक लगाने की वकालत की लेकिन न्यायालय ने फिलहाल स्टे देने से मना कर दिया है।
क्या है सी ए ए ,2019 कानून
बात दें कि सरकार ने इस कानून के माध्यम से पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से भारत की शरण में 31 दिसंबर 2014 तक आए हिन्दू, पंजाबी, क्रिस्चियन, बौद्ध, पारसी धर्म (वहां यह सभी अल्पसंख्यक हैं) के लोगो को नागरिकता देनी की मंशा व्यक्त की है। इसमें किसी भी धर्म के लोगों की नागरिकता वापस लेने का कोई प्रावधान नही है। इसमें मुस्लिम धर्म के लोगों को नही शामिल किया गया है , जिसका तर्क यह है कि उन तीनों देशों ने संविधान के तहत स्वयम को इस्लामिक राष्ट्र घोषित किया है और वहां वे बहुसंख्यक भी हैं।
पिछले कुछ वर्षों में इन अल्पसंख्यकों के बहुत बड़े पैमाने पर शोषण हुआ है, सामाजिक विषमता का शिकार हुए हैं।
सी ए ए विरोध का असर
पिछले महीने भर से ज्यादा वक्त से पूरे देश मे विरोधी पार्टियों, अलगाववादी, वामपंथियों ने राष्ट्र में लोगों को भड़का कर, कानून के विरोध में गलत जानकारी देकर कई आंदोलन, सरकारी संपत्ति का नुकसान, रेल की बोगियां, बसें, पुलिस वैन ,प्राइवेट गाड़ियां जलाई हैं। देश मे अराजकता का माहौल बन गया है।
भाजपा की ओर से शीर्ष नेता, सांसद, विधायक, नगरसेवक सभी अपने स्थानीय क्षेत्रो में जनता के बीच जाकर लोगों को इस कानून से जुड़ी सच बातें बताने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।
(मुख्य न्यायाधीश श्री बोबडे)
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