निर्भया बलात्कार के आरोपी अब भी जीवित, 1 फरवरी को नही होगी फांसी-पटियाला हाउस कोर्ट, दिल्ली
अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और मुकेश सिंह इन चारों निर्भया मामले में अपराधियों को न्यायालय ने फिलहाल राहत की सांस दी है।
(यही हैैं वे चार नराधम अपराधी जिन्होंने 2012 में निर्भया मामले को अंजाम देकर संगीन जुर्म किया)
शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद अपराधियों के वकील ए पी सिंह ने कोर्ट परिसर में निर्भया की माँ आशा देवी को चेतावनी देते हुए कहा कि अनंत काल तक इन चारों को फांसी नही होगी।
वकील सिंह के अनुसार अभी कई मंचो पर याचिकाएं लंबित हैं। पटियाला हाउस दिल्ली न्यायालय बे कहा दिल्ली जेल नियम 2018 के मुताबिक जब तक दया याचिका की सभी जगहों से निरस्तीकरण नही हो जाता या याचिका की अवधि समाप्त नही होती तब तक फाँसी नही दी जा सकती।
मुकेश के सभी विकल्प खत्म हो चुके हैं पर उसकी दलील यह है कि एक ही जुर्म के लिए उसे अलग से सजा नही दी जानी चाहिए। पवन और अक्षय की ओर से उसके वकील सिंह ने कहा कि दोनों के वापस विकल्प अभी बचे हैं। विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास अभी लंबित है। अदालत का कहना है कानूनी उपायों के तहत अपराधियों से भेदभाव नही किया जा सकता।
इस बार न्यायालय ने फांसी की अगली कोई तारीख नही दी है और अगले आदेश आने तक की बात कही है। यही सिंह चाहते थे और अर्जी भी इसी की लगाई थी कि फांसी की अगली तारीख न दी जाए।
आशा देवी ने मीडिया से बातचीत में बताया, मुकेश की रिव्यु पेटिशन, मर्सी पेटिशन खारिज होने के बावजूद उसकी फांसी टल गई है।इससे हमारे संविधान, कानून व्यवस्था की लाचारी और कमजोरी दिखाई देती है। वे आरोपियों के वकील सिंह द्वारा अनंतकाल तक फांसी नही होने के दावे से बहुत ही दुखी हुई हैं। उन्होंने दुखी होकर यह भी कहा कि उन्हें कानून पर विश्वास है पर बार बार फांसी की सजा टलने से विश्वास टूट रहा है, यदि इन चारों को फांसी नही मिलती है तो संविधान को आग लगा दीजिये।
(मीडिया के सामने अपना दुख बयान करते हुए निर्भया की मां आशा देवी)
गौरतलब हो कि 22 जनवरी को न्यायालयने 1 फरवरी की सुबह इन चारों को फांसी देने का फैसला सुनाया था।
निर्भया कांड ने पूरे देश को झकझोर दिया, हर जगह विरोध हुआ, हजारो की संख्या में कैंडल मार्च, प्रोटेस्ट हुए।राजनेताओं से लेकर आम जनता, बॉलीवुड सितारे सभी ने निंदा की। पर यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये सभी आरोपी इतने वर्षों बाद भी फाँसी से दूर हैं।
बता दें कि दिल्ली में रात 8 बजे के बाद हुई इस घटना में चलती बस में बलात्कार के बाद निर्भया को सड़क पर फेंक दिया गया और उसके गुप्तांग में रॉड डाल दिया गया था।निर्भया के दोस्त को भी बुरी तरह पीटा गया था। सबसे शर्मसार यह रहा कि यह घटना देश की राजधानी में घटी जहां संसद भवनऔर सर्वोच्च न्यायालय हैं ,जहां से पूरे देश की न्यायव्यवस्था और प्रशाशन व्यवस्था चलती है।
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