महाराष्ट्र की महासत्ता पर लगा ग्रहण, भाजपा ने दावा लिया पीछे, राज्यपाल ने दिया शिवसेना को न्यौता
आज सुबह से दो बार भाजपा को कोर कमीटी की मीटिंग कार्यकारी मुख्यमंत्री फडणवीस के आवास वर्षा बंगले पर होने के बाद शाम 6 बजे के करीब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले ,जिसमे फडणवीस, पंकजा मुंडे, विनोद तावड़े, प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल आदि थे। इस मीटिंग में भाजपा ने सरकार बनाने के दावे को कैंसिल करते हुए कहा कि शिवसेना जनमत का अपमान कर रही है ,जबकि चुनाव हमने साथ ही मिलकर लड़ा था । हम सरकार बनाने की स्थिति में अब नही हैं।
राज्यपाल ने अब शिवसेना को सीटों की संख्या के मामले में दूसरी बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का न्यौता दिया है जिस पर सेना को कल 11 नवम्बर को शाम 7.30तक अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
उधर कांग्रेस नेता कल हाई कमान सोनिया गांधी से अगली दिशा स्पष्ट करने हेतु मुलाकात करेंगे।
संजय राउत ,वरिष्ठ नेता- शिवसेना ने कहा कि यदि सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस के नेता सरकार के गठन में सहयोग देना चाहते हैं तो हम उनका स्वागत करते हैं।
इधर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठने के लिए जनादेश दिया है और वे इसका सम्मान करते हुए विपक्ष में बैठने के लिए तैयार है।
राकांपा ने कहा कि अब चूंकि राज्यपाल शिवसेना को न्यौता दे चुके हैं, तो नए सिरे से राकांपा अपनी भूमिका के बारे में सोचेगी।
राज्य के वरिष्ठ नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा है कि यह कर्नाटक नही जहां भाजपा विधायकों की खरीद ,तोड़ मोड़ कर सके,यह महाराष्ट्र है।
सचिन पायलट ,राजस्थान कांग्रेसी उपमुख्यमंत्री का भी भाजपा के बारे में ऐसे ही विचार हैं कि सत्ता के लिए 15 दिन बीत जाने के बावजूद भाजपा सरकार नही बना रही है।
बहरहाल देखना दिलचस्प होगा कि महाराष्ट्र की राजनीतिक किताब में अब कौन सा नया अध्याय लिखा जाना है जिसमे अस्थिर सरकार के रूप में सेना,राकांपा, कांग्रेस की तिकड़ी होगी या भाजपा सेना की सत्ता में वापसी संभव है और कड़वाहट दूर होकर आपसी सहमति बन सकेगी।
(राज्यपाल से पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस, चंद्रकांत पाटिल और अन्य अपना सरकार बनाने का दावा नकारने के संदर्भ में)
No comments
Post a Comment