पीएमसी बैंक पर 4335 करोड़ के घोटाले में मुम्बई पुलिस ने की प्राथमिकी दर्ज
मुम्बई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पंजाब महाराष्ट्र को ऑपरेटिव बैंक पर 4335 करोड़ के फण्ड की अनियमितता को लेकर एफआईआर दर्ज कर लिया है। इस अनियमितता के कारण रिजर्व बैंक को 6 महीने तक कर्ज के कारोबार को रोकने और निवेशकों को जमा राशि पर सिर्फ 10 हजार तक निकलने की अनुमति देनी पड़ी। पहले यह राशि 1000 रुपये ही थी जिसे बढ़कर 10 हजार किया गया। यह अनियमितता की राशि और भी बढ़ सकती है। इससे पहले जॉय थॉमस,बैंक के सस्पेंडेड महानिदेशक ने रिजर्व बैंक को दिए लिखित साढ़े 4 पन्ने के खत में स्वीकार किया कि किस तरह उन्होंने और चेयरमैन सिंह, 6 बोर्ड सदस्य, 2 वरिष्ठ बैंक अधिकारियों ने मिलकर वाधवान ग्रुप एचडीआईएल को 6500 करोड़ का लोन बांटा और एकाउंट के एनपीए होने के बावजूद उन्होंने यह जानकारी 3 साल तक छुपाई।प्राथमिकी चेयरमैन वरयाम सिंह, महानिदेशक जॉय थॉमस, एच डी आई एल के मालिक सारंग और राकेश वाधवान और 7 अन्य रियल एस्टेट कंपनियों पर किया गया है जिनमे यह फण्ड अनियमित रूप से दिए गए।बैंक का दो तिहाई लोन का हिस्सा दिवालिया कंपनी एचडीआईएल ( हाउसिंग डेवलोपमेन्ट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी लिमिटेड) को दिया गया है। भारतीय दंड संहिता की धाराओं 420, 409, 465, 471, 120 (ब) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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