महाराष्ट्र के राज्यपाल बने उपराष्ट्रपति के लिए NDA उम्मीदवार/जानिए व्यक्ति विशेष परिचय
महाराष्ट्र को जल्द ही नया राज्यपाल मिलने वाला है। दरअसल, एनडीए ने प्रदेश के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में उनकी जगह अब प्रदेश के गवर्नर पद की जिम्मेदारी किसी अन्य वरिष्ठ नेता को दी जाएगी। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खुद आज रविवार (17 अगस्त) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीपी राधाकृष्णन के नाम का ऐलान किया है।
सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने खुद उनके नाम पर मुहर लगाई है।
चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन को पिछले ही वर्ष ३१ जुलाई २०२४ को महाराष्ट्र का 24वां राज्यपाल बनाया गया था। इससे पहले २०२३ से ३० जुलाई २०२४ तक झारखंड राज्यपाल रहे। उन्होंने मार्च से जुलाई २०२५ तक तमिलनाडु के प्रभारी की जिम्मेदारी भी निभाई है।वहीं पुडुचेरी में अगस्त २०२४ तक उपराज्यपाल की जिम्मेदारी भी निभाई है। अभी वर्तमान में वह महाराष्ट्र के राजपाल की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। अब जब उन्हें एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है तो माना जा रहा है कि जल्द ही महाराष्ट्र को नया राज्यपाल मिल सकता है।
चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन उस समय विभिन्न सार्वजनिक और सामाजिक कारणों जैसे नदियों की माला परियोजना, आतंकवाद की समाप्ति, एक समान नागरिक संहिता, नशीली दवाओं की समस्या और अस्पृश्यता उन्मूलन जैसे सामाजिक मुद्दों के लिए 19 हजार किलोमीटर लंबी एक बड़ी रथ यात्रा की। विभिन्न पार्टी और आधिकारिक पदों पर रहने के बाद राधाकृष्णन को फरवरी 2023 में झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।
कौन हैं सीपी राधाकृष्णन: व्यक्तिगत एवं राजनीतिक परिचय
तमिलनाडु के तिरुपुर में २० अक्टूबर 1957 को जन्मे सीपी राधाकृष्णन व्यवसाय प्रशासन में स्नातक हैं। उनके पास अपने गृह राज्य में चार दशकों से अधिक का राजनीतिक अनुभव है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से शुरुआत करते हुए वह 1974 में बीजेपी के पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य बने।
वह 1996 में तमिलनाडु बीजेपी के सचिव बने और 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा के लिए चुने गए। उन्होंने 2004 में न्यूयॉर्क में संसदीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया।
वह 2004-2007 तक तमिलनाडु भाजपा के भी अध्यक्ष रहे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का समर्थन भी उन्हें प्राप्त है और पीएम मोदी के भी करीबी हैं।
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