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भतीजा , चाचा पर भारी/ राकांपा प्रमुख पद से हटाया/32 विधायक अजीत पवार के समर्थन में /शरद पवार बोले: पार्टी सिंबल नही ले जाने दूंगा

महाराष्ट्र के सियासी गलियारे में अब चूंकि भाजपा, शिवसेना और राकांपा की ट्रिपल इंजन की सरकार बन गई है और राकांपा के अजीत पवार सहित अन्य 8 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ले ली है, जिसके बाद घटनाक्रम में तेजी से बदलाव करते हुए शरद पवार ने केंद्र से एस आर कोहली को हटाकर सोनिया दुहान को कार्यभार सौंपने का निर्देश देते हुए राकांपा सेंट्रल ऑफिस का इंचार्ज नियुक्त कर दिया।


राजनीतिक गुरु के रूप में  यशवंतराव चव्हाण को माननेवाले पवार साहब उनकी  स्मृति स्थल जाकर उन्हें पुष्प अर्पित करने के बाद उसी दिन यह जरूर कह दिया कि वह राकांपा को फिर से खड़ा करेंगे। 80 के दशक की वारदात फिर से दोहराएंगे जिन दिनों 56 विधायक चुने जाने के बावजूद 50 विधायक पार्टी को छोड़कर चले गए थे और अगले चुनाव में उन 50 में से सिर्फ 3,4 विधायकों को छोड़कर बाकी सभी चुनावी मैदान हार गए थे।

शिवसेना की तरह ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी दो खेमे में बंटती हुई नजर आ रही है । शक्ति प्रदर्शन के इस दौर में जहां एक ओर रात भर स्वयं शरद पवार विधायकों को फोन मिलाते रहे, उनके परिवार वालों से संपर्क किया गया, वही कई विधायकों ने अपना फोन बंद कर दिया और घर से भी गायब हो गए थे।

वहीं दूसरी और अजीत पवार की जद्दोजहद जारी रही और अधिक से अधिक विधायक साथ में आए।

राकांपा के वर्तमान में 53 विधायक हैं जिनमें से 32 विधायकों ने अजीत पवार को समर्थन दिया है और अब सीनियर पवार के पास 18 विधायकों का ही समर्थन प्राप्त है।

आज के इस घटनाक्रम में अजित पवार ने शरद पवार को राकांपा प्रमुख पद से हटा दिया है और कहा कि उन्हें 82 वर्ष की उम्र में अब प्रमुख पद को छोड़कर हम सभी का मार्गदर्शन करना चाहिए। 
उम्र पर तंज कसते हुए अजीत पवार ने कहा कि लोग 60 वर्ष के बाद रिटायर हो जाते हैं, फिर आप ऐसा क्यों नही करते। 82 वर्ष के हो गए हैं, आशीर्वाद दीजिए और मार्गदर्शन करिए।

30 जून को ही कार्यकारिणी समिति की बैठक में राकांपा में प्रस्ताव पारित हुआ था कि अजीत पवार को अध्यक्ष बनाया जाए और उसे चुनाव आयोग के पास भी भेजा गया था। अजीत पवार दावा कर रहे हैं कि उनके पास 42 विधायको का समर्थन है।

मौजूदा उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लिए हुए अजीत पवार जी ने प्रेस वार्ता में कहा कि वह 5 बार महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री बन चुके हैं  पर अब उनकी इच्छा महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने की है।

उनके इस बयान के बाद देवेंद्र फडणवीस समेत भाजपा के शीर्ष नेताओं में खलबली जरूर मची हुई है दूसरी तरफ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे में भी सोच के बादल हैं।

कल जहां शरद पवार ने राकांपा के नरीमन प्वाइंट स्थित कार्यालय में मीटिंग बुलाई थी तो वही अजित पवार ने विधायकों  व अन्य नेताओं की मीटिंग छगन भुजबल के मुंबई एजुकेशनल ट्रस्ट एम ई टी कॉलेज भवन ने बुलाई थी।

अब राकांपा के अस्तित्व की लड़ाई विधानसभा अध्यक्ष, चुनाव आयोग और न्यायालय के दरवाजे तक जाएगी जिस तरह शिवसेना गई थी। 

देखना  यह होगा कि राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले 82 वर्षीय बहुत ही अनुभवी राजनेता शरद पवार अब आगे कौन सा कदम उठाएंगे। शरद पवार ने कहा है कि किसी भी हालत में राकांपा का चुनाव चिन्ह पार्टी सिंबल नहीं जाने देंगे।

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