जनता का सम्मान नहीं किया तो महाराष्ट्र जल उठेगा :उद्धव ठाकरे - बारसू आयल रिफाइनरी प्रोजेक्ट
शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे शनिवार को रत्नागिरी के बारसू क्षेत्र में स्थानीय लोगों से मिलने के बाद बोले कि यदि वहां की जनता , लोग ऑयल रिफायनरी योजना नहीं चाहते हैं तो वहां तो वहां रिफाइनरी परियोजना नहीं लगाई जाएगी। इसके लिए वह ग्रामीण स्थानीय लोगों के साथ खड़े हैं और सरकार का विरोध करेंगे।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि आरोप लगाए गए हैं कि मैंने ही मुख्यमंत्री रहने के दौरान नानर से हटाकर बारसू में रिफाइनरी प्रोजेक्ट लगाने का सुझाव दिया था क्योंकि आयोजकों द्वारा मुझे यह बताया गया था कि बारसू की जमीन बंजर है और वहां यह प्रकल्प लगाने से पर्यावरण को नुकसान बहुत ही कम होगा। हालांकि मैंने परियोजना लागू करने के लिए किसी तरह की पुलिस या राजनीतिक बल का प्रयोग नहीं किया था।
ठाकरे बारसू के दो स्थानों पर गिरमा देवी और बारसू सोलगांव में 120 और 170 लोगों के साथ संवाद कर रहे थे । ठाकरे ने कहा हम आपके साथ खड़े हैं आपका सपोर्ट करेंगे जिस तरह हमने ननार के समय किया था। यदि महाराष्ट्र सरकार स्थानीय लोगों की मर्जी के विरुद्ध प्रोजेक्ट दबाव पूर्वक लगाना चाहती है तो महाराष्ट्र जल उठेगा। हम सभी ने देखा है कि मणिपुर में पिछले दिनों में क्या हो रहा है , जनता की मर्जी के विरुद्ध सरकार कोई काम करना चाहती है तो वहां इसी तरह का परिणाम होता है।
उल्लेख कर दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैती समाज के लोगों को शेड्यूल्ड ट्राइब में शामिल किए जाने के मुद्दे पर हिंसा भड़क उठी है और वहां 55 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है , 16000 लोगों को वहां से हटाकर दूसरी जगह स्थानांतरित किया गया है और बड़ी संख्या में सेना की टुकड़ी तैनात की गई है ताकि शांति बहाल की जा सके।
राज्य कैबिनेट उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कल ही उद्धव ठाकरे के इस उदगार के बाद अपने सोशल ऐप से संदेश दिया है कि वह उद्धव ठाकरे से इस मुद्दे पर सहमत हैं कि जनता को विश्वास में लिए बगैर किसी तरह का प्रोजेक्ट वहां नहीं लगाया जाएगा और राज्य सरकार की ऐसी कोई मंशा भी नही है। हम भी वहां के हेरिटेज चीजों को सुरक्षित रखना चाहते हैं।
उद्धव ठाकरे काटल शिल्प को भी देखने के लिए पहुंचे जहां ग्रामीणों ने कहा कि अगर रिफायनरी प्रोजेक्ट यहां आता है तो यह हेरीटेज साइट भी नष्ट हो जाएगा।
ठाकरे ने कहा कि अगर ऑयल रिफायनरी प्रोजेक्ट इतना ही अच्छा है तो सरकारी मंत्री गण यहां की स्थानीय जनता पर क्यों थोपना चाहते है।
यदि इतना ही सब कुछ ठीक है तो केंद्र सरकार इस रिफायनरी प्रोजेक्ट को गुजरात में कहीं ले जाए और गुजरात में स्थित इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर , फॉक्सकॉन , टाटा एयर बस प्रोजेक्ट यह सब महाराष्ट्र को दे दे।
इसी बीच भाजपा के विधायक नितीश राणे और निलेश राणे ने भी मार्च निकाला जिसमें 500 से अधिक लोग भाजपा की रैली में शामिल हुए थे। उद्धव ठाकरे दो स्थानों पर कल १२० और १७० स्थानिको से मिले। उसमे कुछ प्रोजेक्ट के समर्थक भी रहे होंगे जो सत्य स्थिति को जानने के इच्छुक रहे होंगे।
नितेश राणे ने कहा है कि उद्धव ठाकरे कोई राजनेता नहीं है वह एक ब्रोकर है और वह इस प्रोजेक्ट का विरोध सिर्फ पैसे के लिए कर रहे हैं।
क्या कहा राज ठाकरे ने
मनसे प्रमुख ने कह दिया कि बारसू के ग्रामीण अपनी जमीन किसी को भी नही बेचे यदि एग्रीमेंट पर बारसू रिफायनरी प्रोजेक्ट नहीं लिखा हो।
राज ठाकरे ने कहा कि आश्चर्य इस बात का है कि गांव वाले यह क्यों नहीं समझ पाते कि बाहर से आने वाले लोग किसी भी सस्ते दाम पर उनसे उनकी जमीन खरीद लेते हैं, उस पर अपना प्रोजेक्ट बनाते हैं और फिर केंद्र या राज्य सरकार को ऊंची कीमत में बेच देते हैं।
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