भारत की चौथी तिमाही में जीडीपी की रफ्तार बढ़ कर हुई ६.१%, दिसंबर तिमाही 2023 वित्तीय में थी 4.4%/अनुमान से बेहतर आर्थिक विकास दर
राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग यानी नेशनल स्टैटिसटिक्स आर्गेनाइजेशन के द्वारा जारी किए गए आज के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023 की चौथी तिमाही यानी जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान 6.1% की दर से जीडीपी में वृद्धि हुई है।
जीडीपी दर कितनी वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही यानी दिसंबर तिमाही की आर्थिक विकास दर 4.4% थी।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल जीडीपी डर 7.2 प्रतिशत गिरफ्तार से बढ़ी है जबकि अनुमान 7% तक ही था। उल्लेख कर दें कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में आर्थिक विकास दर ९.१% थी। चौथी तिमाही में आंकड़े 6.1% के निश्चित रूप से उम्मीद से बेहतर रहे क्यों कि कई विश्लेषकों ने वैश्विक आर्थिक अनियमितताओं के चलते वृद्धि दर के सिमटकर 4.9 से अधिकतम 5.5% तक रहने की उम्मीद जताई थी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में गत सप्ताह अपने जारी किए गए वित्तीय वर्ष 2023 के जीडीपी आंकड़ों की एडवाइजरी के अनुसार यह उम्मीद जताई थी कि यदि आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार 7% से भी अधिक हो तो इसमें किसी आश्चर्य की बात नहीं है।
वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण से भारत स्वयं को मजबूत स्थिति में पाता है। हालांकि कई विकसित राष्ट्र वैश्विक आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं पर भारत पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ा है।
मौजूदा भारत सरकार की आत्मनिर्भरता पर बल देने, अधिक से अधिक यंत्र उपकरण स्वदेश में ही निर्मित करने, निर्यात पर जोर देने , आयात में कमी करने की कई योजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है जिसके परिणाम स्वरूप जीडीपी के विकास दर में भी देखने को मिलेगा।
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