0 राकांपा के विचार हमसे अलग, फिर भी हम एक साथ रह सकते हैं | जितेंद्र आव्हाड और अजीत पवार के बयान से हम सहमत नहीं - अंबादास दानवे ;शिवसेना उद्धव गुट / - Khabre Mumbai

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राकांपा के विचार हमसे अलग, फिर भी हम एक साथ रह सकते हैं | जितेंद्र आव्हाड और अजीत पवार के बयान से हम सहमत नहीं - अंबादास दानवे ;शिवसेना उद्धव गुट /

विधान परिषद मैं विरोधी पक्ष नेता अंबादास दानवे जो शिवसेना उद्धव समूह से हैं, उन्होंने कहा कि वह और शिवसेना जितेंद्र अवहाड, अजीत पवार के द्वारा दिए गए बयानों का समर्थन नहीं करती है। 

विधान परिषद विरोधी पक्ष नेता अंबादास दानवे(उद्धव समूह )

 हम अभी भी यही स्टैंड रखते हैं कि संभाजी राजे छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज हैं, वह धर्मवीर थे और औरंगजेब हिंदुओं से नफरत करता था । औरंगजेब ने बहुत सारे हिंदू मंदिरों को तोड़ा था- ऐसा अंबादास दानवे ने कहा | 

आगे कहते हुए अंबादास, विधान परिषद में विरोधी पक्ष नेता ने  बताया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना दोनों के विचार अलग-अलग हैं , फिर भी वह एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं। दानवे ने कहा कि हमने कभी नहीं कहा कि हमारे और राकांपा की विचारधाराएं एक हैं , फिर भी एक साथ रह सकते हैं ।

महा विकास आघाडी के अंदर प्रमुख पार्टी के रूप में मौजूद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार ने एक डिबेट में विधान भवन के अंदर यह कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज छत्रपति संभाजी धर्मवीर नहीं थे, उन्होंने धर्म को लेकर विशेषतह कोई चैंपियनशिप नहीं की थी।  वह स्वराज के संरक्षक थे ऐसा अजित पवार ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा था।

 उनका यह कथन राज्य में तूफान की तरह इतिहास में यह सर्वविदित है कि संभाजी महाराज को किस तरह से प्रताड़ित किया गया था और बुरी तरह से औरंगजेब के द्वारा उनको मारा गया था क्योंकि उन्होंने इस्लाम कबूल करने से इंकार कर दिया था। 

अजीत पवार के इस कथन के बाद राज्य की सियासत में तूफान आ गया था जिसे और बढ़ाने का काम जितेंद्र आव्हाड ने किया। आव्हाड ने ने इसी सोमवार बयान दिया कि औरंगजेब न ही नीच प्रवृत्ति का था और न ही हिंदुओं से नफरत करता था।

भाजपा ने इस विरोध में राज्य व्यापी आंदोलन किया, पवार से उनके बयान पर माफी मांगने की मांग की।
भाजपा ने कहा की आव्हाड के इस बयान से स्पष्ट है कि राकांपा हमारे इतिहास को बदलकर दिखाना चाहती है और औरंगजेब को अच्छी छवि का दिखाना चाहती है और संभाजी महाराज को धर्मनिरपेक्ष बताना चाहती है।

अजीत पवार ने इस विवादित बयान के बाद अब तक कोई सफाई नहीं दी है। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने मामले का अंत करने के लिए यह जरूर कह दिया है कि लोग स्वतंत्र है ,वह संभाजी राजे को धर्म वीर या स्वराज रक्षक कह सकते हैं।

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