पूर्व मुम्बई आयुक्त संजय पांडे से ईडी ने की पांच घंटे तक पूछताछ- मामला एनएसई को लोकेशन फ्रॉड से जुड़ा
मुम्बई के पुलिस आयुक्त पद से अभी अभी ३० जून को ही निवृत्त हुए १९८६ बैच के आईएएस अधिकारी श्री संजय पांडे को कल प्रवर्तन निदेशालय के दिल्ली कार्यालय में बुलाया गया और उनसे लगभग ७ घंटे पूछताछ की गई है।
संजय जी सुबह 11.20 बजे कल ईडी दफ्तर एक ऑटो से पहुंचे और ढाई घण्टे तक पूछताछ चली, फिर 2 बजे लंच ब्रेक मिला जिसके बाद पूछताछ फिर शुरू हुई। संजय जी को नीले रंग की शर्ट और ब्लैक पैंट में प्राइवेट टैक्सी से शाम ६.४० बजे जाते हुए देखा गया।
उनके बयान को PMLA( prevention of money laundering act) के सेक्शन 50 के तहत दर्ज किया गया है।
मामला नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के को लोकेशन घोटाले से जुड़ा है। दरअसल पांडे के परिवार से जुड़ी आईसेक सर्विसेज नाम की कंपनी ऑडिट का काम करती है और एनएसई की तत्कालीन महाप्रबंधक निदेशक ने वर्ष २०१०-२०१५ तक ऑडिट के लिए इसी कम्पनी से करार किया था।
इन पांच सालों में आईसेक सर्विसेज के खाते में कई बार एनएसई से पैसों का लेन देन हुआ जो कमीशन के रूप में बताई जा रही है। ईडी को यह जानना था कि कैसे इस ऑडिट कंपनी ने को लोकेशन वाले मामले में कोई खतरे के संकेत ऑडिट में नही दिए जिसके चलते एक ब्रोकिंग कम्पनी ने अवैध रूप से ट्रेडिंग एक्सेस लेकर करोड़ों का नुकसान निवेशकों का करवाया और खुद के लिए अद्भुत फायदा कमाया।
को लोकेशन मामले में एक ऐसे सॉफ्टवेयर को डेवेलोप किया गया जिसमें ब्रोकर मार्किट खुलने से पहले ही स्टॉक्स की खरीद बिक्री कर सकते थे और ऐसे में करोड़ो की ठगी की गई। इस मामले में चित्रा रामकृष्णन तत्कालीन एमडी - NSE रहीं और उन्हें भी कई बार CBI के पूछताछ के घेरे में आना पड़ा और घोटाले के आरोप भी लगे।
संजय पांडे को इससे पहले महाविकास अघाड़ी सरकार के गृहमंत्री रहे अनिल देशमुख के खिलाफ गवाही देने के लिए भी सीबीआई ने समन दिया था।
संजय पांडे फरवरी 2022 में ही मुम्बई शहर के पुलिस आयुक्त बने थे।
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