फ्लोर टेस्ट से पहले आज उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा/ सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद छोड़ा पद, विधान परिषद सदस्यता भी छोड़ी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पद से इस्तीफा दे दिया है।
वह आज मंत्रालय में कैबिनेट मीटिंग के दौरान अपने सहयोगी मंत्रियों को धन्यवाद कहे।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि आप लोगों ने ढाई साल तक मुझे सहयोग दिया है। कई अच्छे काम हुए। शहरों का नाम बदला गया। बागी विधायकों पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनको सब कुछ दिया, ऐसे लोगों ने दगा किया।
मंत्रालय के छठवें महले पर मुख्यमंत्री कार्यालय से संबंधित सभी स्टाफ के लोगों को एक साथ बुलाकर उनका आभार व्यक्त किया। उद्धव ने कहा है कि राज्यपाल का भी धन्यवाद करते हैं। सर्वोच्च न्यायालय का भी पूर्ण सम्मान है। लोकतंत्र का पूरा सम्मान होना चाहिए।
दर असल कल पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शाम को राज्यपाल से मिलकर विधानसभा में मौजूदा मविआ सरकार से बहुमत साबित करने के लिए निवेदन पत्र सौंपा था।आज इसी के विरोध में शिवसेना सर्वोच्च न्यायालय भी गई थी जिस पर शाम ५ बजे सुनवाई की गई और न्यायमूर्ति ने कल फ्लोर टेस्ट होने के लिए हामी भर दी।
इसके बाद ही उद्धव ठाकरे ने पद से इस्तीफा दे दिया है।
कल सुबह 11 बजे फ्लोर टेस्ट होगा।
क्या होता है फ्लोर टेस्ट-
विधानभवन में विशेष सत्र के तहत राज्यपाल द्वारा बहुमत सिद्ध करने के लिए मौजूदा सरकार को / पार्टी को बुलाया जाता है।
ध्वनि मत, बैलट पेपर, बैलट बॉक्स, आदि किसी भी माध्यम से विधायक गण अपना मत देते हैं कि वह किस पार्टी के साथ हैं। सारी प्रक्रिया सदन अध्यक्ष के सामने रेकॉर्ड होती है
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वर्तमान में महाराष्ट्र विधान सदन में बहुमत का जादुई आंकड़ा १४४ है जो कि ४६ से अधिक विधायको के सरकार के साथ न होने के चलते राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार अल्पमत में आ चुकी है।
बागी एकनाथ शिन्दे गट के सभी विधायक, अपक्ष विधायक सभी लोग गुवाहाटी से गोआ आ गए हैं और कल फ्लोर टेस्ट में शामिल होंगे।
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