वित्त बिल संशोधन अधिनियम लोकसभा में ध्वनिमत से पास- देश मे ९ करोड़ से अधिक हैं अब करदाता- सीतारमण
कल निर्मला सीतारमण- केंद्रीय वित्त मंत्री ने वित्त बिल संशोधन अधिनियम पर चर्चा की और सदन में आगामी वित्तीय वर्ष २०२२-२३ के लिए 1 फरवरी को पेश हुए वित्त बजट पर कई मुद्दों पर जानकारी दी।
निर्मला जी ने कहा -
सरकार अब भी इस विषय पर मंत्रणा कर रही है कि क्रिप्टो करेंसी यानी वर्चुअल करेंसी को कुछ हद तक वैध करे, पूर्णतः वैध करे, या अवैध घोषित करे.. पर इसका बजट में घोषित टैक्स से संबंध नही है।
क्रिप्टो असेट खरीदना, बेचना और उससे मुनाफा कमाना ..इस प्रक्रिया से पैसे बनेंगे तो सरकार ३०% टैक्स लेगी, इसमें कुछ गलत नही है।
दूसरी बात यदि एक ट्रांजेक्शन में मुनाफा हो और दूसरे में नुकसान तो इसलिए टैक्स नही दिया जाए, यह नही मान्य होगा। डिजिटल करेंसी से मिली आय पर ३०% टैक्स का प्रावधान कर दिया गया है जो १ अप्रैल २०२२ से लागू हो जाएगा।
(फ़ाइल फोटो- केंद्रीय वित्त मंत्री: निर्मला सीतारमण)
निर्मला जी ने आगे कहा कि पिछले कुछ वर्ष तक देश मे लगभग ५ करोड़ लोग ही टैक्स दे रहे थे ,अब यह संख्या ९.१० करोड़ तक पहुंच गई है।
इस वित्तीय वर्ष में सरकार ने ७.३ लाख करोड़ कारपोरेट टैक्स अर्जित किये हैं।
वित्तीय बजट २०२३ में सरकारी खर्च का बजट ७.५ लाख करोड़ का रखा गया है जो पिछले वर्ष की तुलना में ३५% से ज्यादा है, ताकि कोरोना प्रभावित कार्पोरेट, देश की अर्थव्यवस्था में सहयोग दिया जा सके। हमने पिछले वर्ष भी टैक्स नही बढ़ाया और इस वर्ष भी नही बढ़ाया है जबकि कोरोना के भीषण काल मे कई प्रगतिशील देशों ने टैक्स दर में वृद्धि की है।
प्रस्तुत वित्त बिल संशोधन अधिनियम के तहत ३९ अमेंडमेंट लोकसभा में पास कर दिए गए हैं, इसके बाद राज्यसभा में पेश किया जाना है जहां से पास होने के बाद यह राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेज दिया जाएगा। राष्ट्रपति की स्वीकृति के साथ यह संशोधित वित्त बिल कानून बन जायेगा। इसके तहत सेस और सरचार्ज को इनकम टैक्स में डिडक्शन के तहत क्लेम नही किया जा सकेगा।
सेस यानी उपकर - यह वह अतिरिक्त टैक्स है जो किसी खास उद्देश्य से वसूला जाता है जबकि सरचार्ज - वह अधिभार है जो कम्पनियों से अतिरिक्त टैक्स के रूप में वसूला जाता है।
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