0 कृषि कानून वापस लेने से कर्ज बाजार और भारतीय मुद्रा में हो सकती है गिरावट- डीबीएस बैंक इंडिया - Khabre Mumbai

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कृषि कानून वापस लेने से कर्ज बाजार और भारतीय मुद्रा में हो सकती है गिरावट- डीबीएस बैंक इंडिया

बीते शुक्रवार ,प्रकाश पर्व की सुबह देश के प्रधानमंत्री मोदी ने ऐलान किया कि तीनों कृषि और किसान से संबंधित बनाये गए नए कानून वापस लिए जाएंगे। यह वापसी कानूनी प्रक्रिया की तरह वैसे ही निरस्त हो जाएंगे जैसे कि उन्हें लागू किया गया था।
बीते 1 वर्ष से हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान मुख्य रूप से इन तीनो कानूनों के विरोध में लगातार आंदोलन कर रहे हैं। 


मोदी जी ने कहा कि किसानो के हित मे कानून बनाया गया पर अब देश हित मे वापस लिए जाएंगे। मोदी जी ने आगे कहा कि वह क्षमा मांगते हैं कि किसानों को समझा नही पाए, तपस्या में कमी रह गई। किसान बंधु, वापस लौट जाएं और खेतों में काम करें।


उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब में राज्य विधानसभा चुनाव कुछ ही महीनों में होने जा रहे हैं। मोदी जी के इस औपचारिक घोषणा के साथ ही सभी राजनीतिक पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं की प्रतिक्रिया भी तेज हो गई।

आर्थिक विशेषज्ञ आशीष वैद्य कहते हैं कि इस फैसले का निश्चित रूप से भारतीय बाजार में नकारात्मक असर पड़ेगा। भारतीय मुद्रा ,डॉलर के मुकाबले और कमजोर होगी। डेब्ट मार्केट यानी कर्ज बाजार में बांड यील्ड बढेगें यानी कम्पनियों को कर्ज महंगा होगा।
विदेशी कंपनियों का निवेश घट सकता है।

प्रसिद्ध ऑडिट कम्पनी अर्नेस्ट यंग व कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इन्डस्ट्री के अनुसार भारत वैश्विक स्तर पर प्रमुख निवेश केंद्र बन चुका है।

 कॉर्पोरेट कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का कानून वापस लिए जाने से वह कंपनियां जो कृषि उत्पाद पर आधारित हैं ,उन्हे विदेशी यानी एफडीआई निवेश कम मिलेगा। कॉरपोरेट जगत के लोग भी निवेश कम करेंगे।
आशीष वैद्य डीबीएस बैंक, इंडिया के महानिदेशक हैं।

फिलहाल कृषि विधेयक के वापस लेने के फैसले से यह स्पष्ट हो चुका है कि लोकतांत्रिक राष्ट्र में किसी भी विधेयक को कानून बनाकर लागू करना आसान नही होता , इनके लिए जनता तक संवाद करना जरूरी है, उस कानून के लाभ- हानि पर विस्तृत चर्चा  आवश्यक है। जनता और अन्य राजनयिक बुद्धिजीवी को विश्वास में लिए जाने के उपरांत ही कानून बनाए जाने चाहिए।


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