0 राज्य सरकार की मुंबई झोपड़ा धारको के लिए खुशखबर, नई सौगात- 5 साल के बाद भी बेच सकेंगे घर। कीमत हुई फिक्स, घर कीमत का 40% के बजाय अब २.५ लाख देना होगा एस आर ए को- जितेंद्र अव्हाड ने की घोषणा - Khabre Mumbai

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राज्य सरकार की मुंबई झोपड़ा धारको के लिए खुशखबर, नई सौगात- 5 साल के बाद भी बेच सकेंगे घर। कीमत हुई फिक्स, घर कीमत का 40% के बजाय अब २.५ लाख देना होगा एस आर ए को- जितेंद्र अव्हाड ने की घोषणा

हाल ही में महाराष्ट्र के महा विकास आघाडी सरकार में गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र अव्हाड ने घोषणा की है कि अब मुंबई के झोपड़ा धारक 5 साल के बाद भी अपना घर बेच सकेंगें और इसमें एक बड़ा बदलाव करते हुए यह भी सुनिश्चित किया है कि अब झोपडा धारकों को सिर्फ २.५ लाख ही एस आर ए को देने पड़ेंगे।

(महाविकास आघाडी सरकार में गृहनिर्माण मंत्री व राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाड)

 एस आर ए यानी स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी ( झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण) एक ऐसी संस्था, जो राज्य सरकार के गृह निर्माण विभाग के अंतर्गत काम करती है और मुंबई के स्लम एरिया को विकसित करने के लिए निजी बिल्डरों को कॉन्ट्रैक्ट देती हैं और स्लम वासियों को फ्लैट  प्रदान करवाती है। गौरतलब हो कि इससे पहले गृह निर्माण राज्यमंत्री जितेंद्र आव्हाड ने मार्च 2021 में घोषणा की थी कि मुंबई के झोपड़पट्टी वासी जो  २००० से २०११ तक घर बनाए हैं उन्हें भी अपना घर बेचने की अनुमति है लेकिन वह अब तक अपनी झोपड़ी की कीमत का 40% हिस्सा एस आर ए को दे रहे थे और झोपड़पट्टी में घर खरीदने या बेचने दोनों ही स्थितियों में झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण को बताना जरूरी कर दिया गया है। इसके पहले झोपड़ी धारक अपने घर को प्राधिकरण नियमावली के तहत 10 साल के बाद ही बेच सकते थे।

 यहां पर यह उल्लेख करना जरूरी है कि राज्यमंत्री आव्हाड ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि 5 साल की अवधि झोपड़ी के टूटने के बाद से ही शुरू हो जाएगी,  न कि उस दिन से जिस दिन झोपड़ी धारक को बिल्डिंग में उसका नया घर मिलता है। 
 क्योंकि एस आर ए योजना के अंतर्गत कई प्रोजेक्ट में ऐसा देखा गया की इमारत निर्माण में 5 से 10 साल का वक्त लग जाता है । कई बार एक से अधिक भवन निर्माण कर्ता एस आर ए की योजना पर काम करते हैं , जिनमें आपसी डिस्प्यूट होता है। कई बार एस आर ए के अंतर्गत विभिन्न  झोपड़ी धारकों की सोसाइटी ,  बिल्डर और प्राधिकरण इन तीनों के बीच की एग्रीमेंट से जुड़े हुए कई कानूनी प्रावधान इस कार्य को पूरा करने में समय लगा देते हैं।

 मार्च 2021 में श्री आव्हाड ने सुनिश्चित किया था  कि कोस्टल लाइन के स्लम यानी  कोलाबा से लेकर दहिसर तक के बीच बसे झोपड़ी इलाको के लिए भी सहजता से घर बेचने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

 जैसे कुलाबा के बधवार पार्क जैसे अति महत्वपूर्ण इलाके में जहां 32 एकड़ के क्षेत्र में स्लम के लोग बसे हैं,  वहां 300 चौरस फ़ीट 16 एकड़ में ग्राहकों को घर प्रदान कर दिए जाएंगे और बचे हुए 16 एकड़ की जमीन पर निजी रूप से इमारत का निर्माण कर भवन निर्माता उसे बेचकर अपना अधिकतम मुनाफा भी कमा सकेंगे। कोस्टल लाइन के अंतर्गत आनेवाले स्लम एसआरए और म्हाडा दोनो  द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किये जाएंगे

आव्हाड ने  यह भी सुनिश्चित किया कि झोपड़ा धारकों को उनकी ही जगह पर घर बना कर दिए जाएंगे,  ना कि किसी अन्य स्थान पर उन्हें स्थानांतरित होना पड़ेगा,  जैसा कि पहले तक हो रहा  था।

एस आर ए में होने जा रहे  प्रस्तावित नियमों में बदलाव को देखते हुए विपक्षी पार्टियों और एस आर ए के जानकार लोग यह भी आरोप लगा रहे हैं कि कहीं यह भू माफियाओं को फायदा कराने के उद्देश्य से तो नियम नहीं बदले जा रहे हैं।

 दिवाली के इस मौके पर राज्य के गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने  मुंबईकरों को तोहफा तो दे ही दिया है । कहने वाले इसे आगामी मनपा चुनाव को देखते हुए चुनावी स्टंट भी करार दे रहे  हैं,  जिससे स्लम की जनता को लुभाया जा सके।


मुम्बई सहित महाराष्ट्र की अन्य नगरपालिकाओं का चुनाव भी अगले चार महीनों में सम्पन्न होने जा रहा है। राज्य की सत्तासीन और महत्तपूर्ण पार्टी शिवसेना का अधिकार पिछले २५ वर्षों से मुम्बई मनपा पर रहता रहा है और इसे कायम रखना शिवसेना के लिए साख की तरह है। वहीं अंदरूनी मतभेद के चलते कांग्रेस ने भी मनपा चुनाव अकेले ही लड़ने का मन बनाया है। मौजूदा राज्य सरकार के सूत्रधार राकांपा प्रमुख शरद पवार के पहल पर शिवसेना ,राकांपा और कांग्रेस  इन तीनो ही ने विरोधी विचारधारा के बावजूद विधानसभा चुनाव २०१९ के बाद गठबंधन कर सत्तासीन हैं।  उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव भाजपा और शिवसेना ने साथ मिलकर लड़ा था।

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