7 दशकों बाद एयर इंडिया लौटा टाटा समूह के पास -जे आर डी टाटा की यादें हुई ताजा
भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक ऐसेट मैनेजमेंट के केंद्रीय सचिव तुहिन कांत पांडे ने घोषित किया हैं कि केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली देश की सबसे मशहूर और अग्रणी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया का अधिग्रहण टाटा समूह में होने जा रहा है।
टाटा समूह ने इसके लिए बोली लगाने की प्रक्रिया में हिस्सा लिया था उसमें विजयी हुई है । इस प्रक्रिया में उनके सबसे बड़े प्रतियोगी के रूप में स्पाइसजेट के अजय सिंह थे जिन्होंने 15100 करोड़ की बोली लगाई थी । टाटा समूह ने एयर इंडिया के लिए 18000 करोड़ की बोली लगाई थी।
हफ्ते भर पहले से ही एयर इंडिया के लिए केंद्र सरकार द्वारा इस डील को फाइनल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी। एयर इंडिया का ऑपरेशन विश्व में 42 से अधिक देशों में है , 13500 से अधिक लोग इस एयर करियर में काम करते हैं। और कर्ज के बोझ तले एयर इंडिया की हालत कई वर्षों से ठीक नहीं चल रही थी। भारत सरकार अपना हिस्सा बेचना चाह रही थी पर कोई खरीदार नहीं मिल पा रहा था। एक समय में एविएशन इंडस्ट्री के प्रणेता माने जाने वाले टाटा समूह संस्थापक जमशेदजी रतन टाटा के नेतृत्व में एयर इंडिया का नाम पूरे विश्व में हो गया था । आज लगभग 68 वर्षों के अंतराल के बाद फिर से टाटा समूह एयर इंडिया का अधिग्रहण कर रहा है।
इसके अंतर्गत टाटा समूह को लेटर आफ इंटेंट जारी करना होगा और पावर परचेज एग्रीमेंट तैयार होगा । और यह प्रक्रिया अगले 2 महीने यानी दिसंबर महीने तक संपन्न हो जाएगी ।
(नटराजन चंद्रशेखरन- चैयरमेन, टाटा संस्)
टाटा समूह के वर्तमान चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने इस मौके पर कहा- हमें गर्व है कि हम देश के राष्ट्रीय करियर एयर इंडिया को वापस पा रहे हैं। हम अपनी पूरी क्षमता के अनुसार एयर इंडिया को और भी आधुनिक और मजबूत बनाएंगे ,और राष्ट्र की सेवा में अहम योगदान देंगे ।यह हमारे लिए बहुत ही गौरव के पल हैं । आज यदि हमारे बीच जे आर डी टाटा होते तो बेहद खुश होते। एक समय में उनके ही नेतृत्व में एयर इंडिया का नाम पूरे विश्व में फैला था।
आपको बता दें कि टाटा समूह की विस्तारा एयरलाइंस में ५१% और एयर इंडिया एशिया में ८४% की हिस्सेदारी पहले से ही है।
कुछ मानक शर्तों के अनुसार टाटा समूह को एयर इंडिया में 1 वर्ष तक 51% की हिस्सेदारी रखनी होगी , उसके पहले वह अपना कोई भी हिस्सा जो एयर इंडिया में है वह किसी को भी बेच नहीं सकते। टाटा समूह एयर इंडिया की डील को लेकर बहुत ही उत्साहित है। इस डील के साथ ही एयर इंडिया में 100% स्वामित्व के अलावा एयर इंडिया एक्सप्रेस जो कि एयर इंडिया की ही सब्सिडियरी कंपनी है उसमें भी 100% स्वामित्व मिलेगा। एयर इंडिया एक्सप्रेस भारत की लो कास्ट एयर करियर मानी जाती है।
इसी के साथ टाटा समूह को एयर इंडिया, इंडियन एयरलाइंस ,महाराजा जैसे ब्रांड मिल जाएंगे ।एयर इंडिया के पास 117 चौड़े और विस्तृत फ्लीट है जबकि एयर इंडिया एक्सप्रेस के पास 24 फ्लीट हैं। टाटा को एयर इंडिया SAT की जॉइंट वेंचर में भी ५०% हिस्सेदारी मिलेगी, जो कार्गो और पोर्ट सेवाओं में अग्रणी है।
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