0 भाजपा ने शुरू की मनपा चुनाव २०२२ की तैयारी / कांदिवली विधायक अतुल भातखलकर को बनाया चुनाव प्रभारी / जय प्रकाश सिंह को दी गई उत्तर भारतीय मोर्चा की कमान / फडणवीस का दावा- शिवसेना के लिए ऑक्सीजन है मनपा , इस बार होगी मुश्किल / - Khabre Mumbai

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भाजपा ने शुरू की मनपा चुनाव २०२२ की तैयारी / कांदिवली विधायक अतुल भातखलकर को बनाया चुनाव प्रभारी / जय प्रकाश सिंह को दी गई उत्तर भारतीय मोर्चा की कमान / फडणवीस का दावा- शिवसेना के लिए ऑक्सीजन है मनपा , इस बार होगी मुश्किल /

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व् भाजपा के नागपुर विधायक देवेंद्र फडणवीस ने पिछले हफ्ते मुंबई प्राधिकारियों की सभा ली थी और आगामी मुंबई मनपा चुनाव की तैयारी पर जुटने पर जोर दिया । आगामी मनपा चुनाव फरवरी २०२२ में संभावित है। 

 मौजूदा २२७ सदस्योंवाली मुंबई मनपा में पिछले २ दशकों से शिवसेना सत्तासीन रही है । मुंबई मनपा का वित्तीय बजट देश कुछ छोटे राज्य जैसे सिक्किम, असम के राज्य बजट से कहीं अधिक होता है । मनपा में स्वास्थ्य समिति , महिला एवं बाल विकास समिति , प्रभाग समिति, सुधार समिति , स्थायी समिति ,शिक्षण समिति जैसी कई समितियां हैं जो मुंबई मनपा में कार्यरत होती हैं। सभी २२७ नगरसेवक मनपा के सस्य होते हैं और इन्ही में से उपरोक्त समितियों के अध्यक्ष भी चुने जाते हैं । इसके अलावा मनपा में महापौर और उप महापौर का चयन भी इन्ही नगरसेवकों में से किया जाता है। २ नगरसेवकों को महापौर द्वारा मनोनीत किया जाता है। 

 भाजपा वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा की हमने २०१९ के विधानसभा चुनाव में शिवसेना को १५ सीट लड़ने के लिए अधिक दीं पर वह जीत नहीं सके। उलटे हमसे ही धोखा कर राज्य में त्रिकोणीय सरकार बना ली। जनता ने हमारी गठबंधन को मत दिया था लेकिन शिवसेना ने जनता का अपमान किया और विचारधारा से भिन्नता रखनेवाली कांग्रेस व् राकांपा से हाथ मिलाया। 
अतुल भातखलकर - भाजपा विधायक(कांदिवली)

 भाजपा ने कहा की पिछली विधानसभा चुनाव में हमने शिवसेना को तय सीट से अधिक १५ सीट लड़ने के लिए दी लेकिन शिवसेना नहीं जीत सकी और उलटे हमे ही धोखा देकर राज्य में विरोधी पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बना ली / हमने सिद्धांतो के सत्य समझौता नहीं किया। मौजूदा शिवसेना के ५६ विधायकों में से १४ मुंबई से ही हैं और २५ अन्य विधायक मुंबई महानगर क्षेत्र से आते हैं। मनपा चुनावो के वजह से ही शिवसेना आज सत्ता में हैं ।

 फडणवीस ने कहा की मुंबई मनपा शिवसेना के लिए ऑक्सीजन की तरह है और इस बार बहुत मुश्किल शिवसेना को होनेवाली है। जनता जवाब जरूर देगी। 

 कांदिवली विधायक अतुल भातखलकर को भाजपा ने मुंबई मनपा चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया है । अतुल पहले से ही राज्य सरकार की गलत नीतियों और गलत निर्णयों के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करते रहे हैं। धार्मिक स्थलों के खोले जाने , सुशांत सिंह राजपूत का मामला , बिजली बिल के मामले को पुरजोर तरीके से उन्होंने उठाया। 

 भाजपा ने कहा की एशिया महाद्वीप में मुंबई आर्थिक दृष्टि से भारत की राजधानी है और यहाँ दो दशकों से भी अधिक समय से शिवसेना की सत्ता कायम रही फिर भी शहर का स्तर नहीं उठ सका है । ख़राब सड़के , ब्रिज, मानसून के वक्त कई रास्तो , इलाकों में पानी का जमाव जैस कई समस्याएं अब भी इस शहर में हैं जबकि मनपा का बजट देश के कुछ छोटे राज्यों से भी अधिक है। 

 शिवसेना की शाखा शहर के हर क्षेत्र में हैं । हम भी बूथ स्तर पर काम करेंगे । भाजपा कार्यकारिणी ने कहा की बूथ स्तर पर हमारे लोग जनता के बीच समयों को लेकर बात करेंगे और जनता के बीच हमे विश्वास मत जरूर मिलेगा। बूथ स्तर पर कार्य समिति अगले महीने दिसंबर तक पूर्णतः गठित हो जाएगी । शिवसेना शाखा के लिए हमरे बूथ स्तर कार्यकर्ता ही जवाब होंगे।

 भाजपा ने शिवसेना के मराठी वोटबैंक में सेंध लगाने के अलावा उत्तर भारतियों को भी अपने खेमे में लेन की सफल कोशिश की है । उत्तर भारतीय मोर्चा के अध्यक्ष पद पर पुराने सहयोगी जय प्रकाश सिंह को नियुक्त किया गया है जो उत्तर भारत समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं।
जय प्रकाश दिवंगत विलासराव देशमुख के करीब रहे हैं और कांग्रेस से भाजपा आने का फायदा उन्हें जरूर मिला है। वहीं ८साल तक मनपा में विरोधी पक्ष नेता और पूर्व कांग्रेस विधायक रहे राजहंस सिंह को भी उपाध्यक्ष बनाया गया है।

 पिछले २०१७ के मनपा चुनाव में भाजपा को ८२ और शिवसेना को ८४ सीटों पर विजय मिली थी। शिवसेना ने जिला परिषद क्षेत्रो में अच्छा प्रदर्शन किया जबकि नगरपालिका क्षेत्रों में नुक्सान उठाना पड़ा था ।

 मुंबई मनपा में २७ मनपा वार्ड हैं। वर्तमान मनपा में शिवसेना की किशोरी पेडनेकर महापौर , उपमहापौर सुहाष वाडकर , मनपा आयुक्त इक़बाल सिंह चहल हैं। वार्ड क्रमांक १६४ से सबसे अधिक ३१ उम्मीदवार ने चुनाव लड़ा था जो अब तक हुए सभी मुंबई मनपा चुनाव में सर्वाधिक रिकॉर्ड है। पिछले मनपा चुनाव में कांग्रेस को महज ३१ और राकांपा को सिर्फ ९ सीटों पर संतोष करना पड़ा था। महाराष्ट्र नव निर्माण सेना को सिर्फ ७ सीटें ही मिल पायी थीं। समाजवादी पार्टी को ६ नगरसेवक मिले थे।

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