0 वित्तमंत्री सीतारमण ने राहत राशि-३ का किया ऐलान। अधिकतम नौकरियां देने में सक्षम प्रमुख हाउसिंग, इंफ्रा, निर्माण को विशेष सहायता/ आवास योजना के अंतर्गत 18 हजार करोड़ की सहायता/ नेशनल इन्फ्रा फण्ड को 6 हजार करोड़ की मदद/प्राथमिक घर खरीदार को भी मदद/ - Khabre Mumbai

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वित्तमंत्री सीतारमण ने राहत राशि-३ का किया ऐलान। अधिकतम नौकरियां देने में सक्षम प्रमुख हाउसिंग, इंफ्रा, निर्माण को विशेष सहायता/ आवास योजना के अंतर्गत 18 हजार करोड़ की सहायता/ नेशनल इन्फ्रा फण्ड को 6 हजार करोड़ की मदद/प्राथमिक घर खरीदार को भी मदद/

वित्तमंत्री के आज के प्रेस वार्ता में भले ही आम आदमी अपनी आर्थिक समस्याओं के हल न ढूंढ पा रहा हो, पर मोदी सरकार ने लगभग सकल घरेलू उत्पाद का 15 प्रतिशत भाग अपनी राहत राशि तृतीय भाग के द्वारा पेश करने की कोशिश जरूर की है।


सरकार का लक्ष्य आगामी समय मे उन क्षेत्रों से है जो अधिक से अधिक प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर लाखों नौकरियां देने में सक्षम भूमिका निभाएंगे।

आत्मनिर्भर भारत-३ के तहत रोड, इंफ्रास्ट्रक्चर, गृहनिर्माण योजनाओं पर वित्तमंत्री ने विशेष ध्यान दिया है जो जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद में 12 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखते हैं पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से साढ़े सात करोड़ नौकरियां देते हैं। यह राहत राशि  आत्मनिर्भर भारत -३ के तहत लगभग 2.६५ लाख करोड़ है जिसे मिलाकर अब तक सारे घोषणाओं की कुल राशि जीडीपी का 15 प्रतिशत है। अब तक घोषित की गई कुल सहायता राशि 29.87 लाख करोड़ है।

वित्तमंत्री ने रियल एस्टेट में 18 हजार करोड़ की सहायता देने की बात कही है जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख घर बनाने में मददगार होंगे। इसके द्वारा लगभग 78 लालच रोजगार उपलब्ध होंगे और  गृह निर्माण में प्रयुक्त होनेवाले सीमेंट और स्टील की भी मांग बढ़ेगी और फलस्वरूप उत्पादन भी बढ़ेगा।

घर खरीद विक्री में सर्कल दर (क्षेत्र भाव) और करार भाव(अग्रीमेंट वैल्यू)  आय कर को 2 करोड़ तक कि कीमत पर 10 प्रतिशत के ब्रैकेट से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है जो 12 नवम्बर यानी आज से लागू होगा और 30 जून 2021 तक प्रभावी रहेगा।

नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड(एन आई आई एफ) में 6 हजार करोड़ दिए जाएंगे जिससे 2025 तक 1.1लाख करोड़ तक फंड लाने में एन आई आई एफ को मदद मिलेगी।
900 करोड़ रुपये अलग से कोविड वैक्सीन के लिए रखे गए हैं।

इंफ्रास्ट्रक्चर/निर्माण क्षेत्र में कम्पनियों को परफॉर्मन्स सिक्योरिटी के लिए 5 से 10 प्रतिशत के बजाय सिर्फ 3 प्रतिशत ही राशि देनी होगी।
टेंडरिंग प्रक्रिया में बिडिंग के लिए लगनेवाली ई एम डी यानी अर्नेस्ट मनी डिपाजिट अब से 31 दिसंबर तक कुछ नही लगेगा ।सिर्फ बिड सिक्योरिटी डिक्लेरेशन देना होगा।




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