0 सुपुर्द ए खाक हुए इरफान खान- वरसोवा कब्रिस्तान में हुए दफन /बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक पसरा सन्नाटा / प्रधानमंत्री मोदी ,आनंद महिंद्रा ,शाहरुख खान, राहुल गांधी, विद्या बालन, अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय ,प्रियंका चोपड़ा ,विशाल भारद्वाज ,सरकार सुजीत समेत कई दिग्गजों ने जताया शोक। - Khabre Mumbai

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सुपुर्द ए खाक हुए इरफान खान- वरसोवा कब्रिस्तान में हुए दफन /बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक पसरा सन्नाटा / प्रधानमंत्री मोदी ,आनंद महिंद्रा ,शाहरुख खान, राहुल गांधी, विद्या बालन, अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय ,प्रियंका चोपड़ा ,विशाल भारद्वाज ,सरकार सुजीत समेत कई दिग्गजों ने जताया शोक।

2018 से ही कैंसर से पीड़ित इरफान खान ,मशहूर भारतीय सिनेमा जगत का फनकार  ने कल मुम्बई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में आखिरी सांस ले ही ली।  
कैंसर से जंग लड़ते लड़ते आखिर यह चमकता सितारा जिंदगी हार गया।  वह इसके पहले लंदन सरे इलाज कराकर लौटे थे।

जयपुर में जन्मे इरफान एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे। 1987 में वह और उनकी प्रेयसी सुतापा(पत्नी) साथ ही ग्रेजुएशन किया । बात उन दिनों की है जब आज के एमपी स्कूल ऑफ ड्रामा के डायरेक्टर आलोक चटर्जी इरफान के प्यार का संदेश सुतापा तक पहुंचाने के लिए डाकिया तक बन गए थे।सुतापा ने तो कह दिया कि इरफान खुद क्यों नही बात करते, डाकिया नही चाहिए।

इरफान, स्कूल के दिनों से ही क्रिकेट का शौक रखते थे। आल राउंडर, स्पिनर, बॉलर, बैटिंग, विकेटकीपिंग सब अव्वल दर्जे की।
क्रिकेट में से से महत्पूर्ण माना जाने वाला नायुडु ट्रॉफी में खेलने के लिये उनका चयन हो गया था, पर इरफान एक बार टेलीग्राफ इंडिया कोड़िये साक्षात्कार में बताया कि उनके पास उसमे खेलने के लिए एंट्री फीस के 600 रुपये नही थे।
उन्हें नही पता था कि उन्हें किस्से पैसे मांगने से मिल सकता था।

आर्थिक मजबूरी के चलते इरफान ने क्रिकेट छोड़ दिया और रुख किया सिनेमा की ओर।

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में प्रवेश के लिए 300रुपये की आवश्यकता थी पर इरफान की जेब खाली थी, इस बार उनकी बहन ने उनके लिए पैसे का बंदोबस्त किया। यही से शुरु हुआ इरफान का संघर्ष।

इरफान ने छोटे परदे यानी टेलीविज़न पर कई धारावाहिकों में काम किया।
 अपनी बात बनेगी, जय हनुमान, चन्द्रकान्ता जैसे सीरियल में उन्होंने अपना अभिनय दिखाया।
बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक कई फिल्में इरफान ने दी और लोगो ने खूब सराहा।
पान सिंह तोमर के लिए बेस्ट एक्टर का एवार्ड भी मिला।  पीकू, जज्बा, लाइफ इन अ मेट्रो, साहेब बीवी और गैंगस्टर, हिंदी मीडियम, बिल्लू बार्बर , लाइफ ऑफ पी, लंच बॉक्स, जुरासिक वर्ल्ड, स्लमडॉग मिलियनेयर, इंफेरनो, ब्लैकमेल,कारवां, करीब करीब सिंगल, मदारी, द नेमसेक, गिल्टी, सलाम बॉम्बे, मकबूल, पज़ल, डी डे, हैदर और कई ऐसी फिल्में जिनमे इरफान ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

इरफान, बॉलीवुड ही नही, हॉलीवुड में भी काफी चर्चित रहे। स्लमडॉग मिलियनेयर  2008 में आई थी ,जिसके लिए अवार्ड भी मिला, लाइफ ऑफ पी 2012 में आई थी। 2007 में अ माइटी हार्ट भी प्रदर्शित हुई।

इरफान की मां बेगम सईदा ने पिछले हफ्ते ही 25 अप्रैल को  ,93 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया, । इरफान उनकी मैयत में शामिल नही हो सके थे। छोटे भाई इमरान ने कहा कि भाईजान अम्मी से मिलने गए हैं ।

इरफान अपने पीछे पत्नी सुतापा, दो बेटे आयन और  बाबिल को छोड़ गए हैं।

सुजीत सरकार, पीकू के डायरेक्टर ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की खबर दी।
लॉक डाउन के चलते भारी पुलिस सुरक्षा के बीच इरफान को पांच पारिवारिक लोगों की मौजूदगी में वर्सोवा कब्रस्तान में दफनाया गया। विशाल भारद्वाज, फ़िल्म निर्माता भी वहाँ मौजूद रहे।

पूरे देश मे इरफान के जाने से शोक की लहर है। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, उद्योगपति आनंद महिंद्रा, फ़िल्म जगत से अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, शाहरुख खान, विद्या बालन, सुजीत सरकार, विशाल भारद्वाज समेत कई हस्तियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। इरफान खान का जाना भारतीय सिनेमा के लिए बहुत बड़ी क्षति है।

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