पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर मामला
झांसी के मोठ क्षेत्र में जहां पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर को लेकर थाना प्रभारी चौहान और एसएसपी ओ पी सिंह द्वारा दिये गए विषम बयान पर पुलिस पर सवालिया निशान है वही यह मामला राजनीतिक तूल पकड़ रहा है।
पुष्पेंद्र के पिता सीआईएसएफ अधिकारी थे, उनकी मृत्यु के बाद बड़े बेटे रवींद्र को उनकी जगह नौकरी मिल गई। एक और बेटा दिल्ली मेट्रो में कार्यरत है। पुष्पेंद्र के पास दो ट्रक हैं जिनसे वह रेती, गिट्टी आदि की ढुलाई करवाता था।
बीते शनिवार पुलिस के अनुसार, प्रभारी थाना, चौहान बमरौली बाई पास रोड से थाना पहुँचने के लिए जा A रहे थे, रास्ते मे उन्हें हाथ देकर रोका गया फिर बंदूक के बल पर उनसे उनकी गाड़ी पुष्पेंद्र और उसके अन्य दो साथियों ने छीन ली। बाद में पुलिस से उसका सामना हुआ और एनकाउंटर में मारा गया।
पुष्पेंद्र की कार से 2 कारतूस, बंदूक भी मिली है। उस पर दो मामले अवैध रेत खनन (माइनिंग) के दर्ज है। परिजनों और स्थानीय गांव के तीव्र हंगामे विरोध के बाद झांसी के जिला मजिस्ट्रट अवस्थी ने भी दखल दिया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पी वी प्रेम प्रकाश ( कानून व्यवस्था) ने कहा है कि मामले की जांच हो रही है ,कार से बरामद बंदूक, कारतूस फॉरेंसिक जाँच के लिए भेजी गई हैं।
एसएसपी ओ पी सिंह का बयान है कि थाना प्रभारी चौहान छुट्टी पर थे, अपनी प्राइवेट गाड़ी से जा रहे थे ,उन पर अचानक हमला हो गया।
परिजनों ने जिद रखी थी कि आरोपी पुलिस पर एफआईआर दर्ज होने के बाद ही अंतिम संस्कार करेंगे। पुलिस 24 घंटे इंतजार की फिर दूर ले जाकर शव का अन्त्य संस्कार कर दिया जिसमें गांव के लोग मौजूद थे।
परिजनो से मिलने सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने भारी समर्थको के साथ आये और मामले की उच्च स्तरीय जांच वर्तमान जज से कराने की मांग की।
बता दें कि योगी सरकार में अब तक राज्य पुलिस सैकड़ो एनकाउंटर कर चुकी है।
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