माँ विंध्यवासिनी मंदिर के चबूतरे व सीढ़ी के निर्माण हेतु स्थानीय विधायक द्वारा पूजा अर्चना । विंध्याचल धाम की हूबहू प्रतिमा स्थापित है मुम्बई के सायन कोलीवाड़ा में।
महानगर, ११ अगस्त २०२१
(स्थानीय विधायक तमिल सेलवन नारियल फोड़कर सेट,चबूतरे व सीढ़ी निर्माण कार्य का शुभारम्भ करते हुए)
विंध्यवासिनी सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष भरत शुक्ल के अनुसार सायन कोलीवाड़ा मुम्बई में एक केंद्रीय स्थान है जो शिक्षा, अस्पताल, रेलवे कनेक्टिविटी के लिए प्रसिद्ध है। म्हाडा कॉलोनी की ओर जानेवाला मार्ग मंदिर स्थल को जोड़ता है।
जब दशक भर पहले मंदिर की स्थापना हुई तो उन्हें और मंदिर की कोर समिति की कई मुसीबतें झेलनी पड़ी पर आत्मविश्वास और सामाजिक सहयोग के बल पर प्रबल सेवाभाव व ईश्वरीय प्रेरणा से यह देवी मंदिर यहां स्थापित हुआ। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में स्थित प्रसिद्ध विंध्याचल धाम की हूबहू माता विंध्यवासिनी की मूर्ति इस मंदिर में भी विराजमान है।
इस मंदिर ट्रस्ट के माध्यम से हर वर्ष रामलीला महोत्सव का आयोजन भी होता है। सुबह- शाम महा - आरती, हर रविवार सामूहिक सुंदरकांड व महाप्रसाद के रूप में भण्डारे का आयोजन मंदिर के नित्य क्रिया कलापों में शामिल है।
लॉक डाउन से पहले मंदिर की प्रेरणा से लोग सावन मास में कांवड़ यात्रा पर भी जाते रहे हैं।
पूरे लॉक डाउन के दौरान मंदिर स्थल से अधिकतम संख्या में गरीब व आर्थिक विषमता से जूझ रहे लोगों तक भोजन, खाद्य सामग्री का वितरण लगातार होता रहा है।
हाल ही में महाराष्ट्र के कोंकण परिसर में अति वृष्टि के चलते आई भीषण आपदा में हजारों लोग बेघर हुए, जिसमे मदद के हाथ बढ़ाते हुए विंध्यवासिनी सेवा ट्रस्ट ने भी खाद्य सामग्री पैकेट भेजे थे।
मंदिर स्थानीय लोगों में प्रमुख आकर्षण का केंद्र है।विभिन्न तीज त्योहार, छठ पूजा, नवरात्रि के अवसर पर मंदिर परिसर में भक्तों की विशेष भीड़ होती है।
इन सभी बातों का संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने भी मंदिर संचालकों को सदैव सहयोग दिया है।
स्थानीय विधायक पहले भी मंदिर के हित में कार्य कर चुके हैं। दूसरी बार महाराष्ट्र विधानसभा में चुनकर आए आमदार तमिल सेलवन ने मंदिर को हर संभव सहयोग देने का आश्वाशन दिया है।
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